प्लेटो ने अपने आदर्श राज्य में न्याय को शासन का आधार माना है। न्याय के लिये मानव मस्तिष्क में सुधार के लिये उसने शिक्षा के सिद्धान्त का और सामाजिक वातावरण में सुधार के लिये साम्यवाद के सिद्धान्त का प…
हीगल का राज्य विषयक सिद्धान्त उत्तरहीगल रूसो और अन्य संविदावादियों की इस धारणा से सहमत नहीं है कि राज्य एक कृत्रिम संस्था है और इसका उदय किसी सामाजिक समझौते के परिणामस्वरूप हुआ है। इसके विपरीत वह इस …
वर्तमान समय में शासन के विविध रूपों में प्रजातन्त्र सर्वाधिक लोकप्रिय है और प्रजातन्त्रीय शासन के दो प्रकार होते हैं - (1) प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र, और (2) अप्रत्यक्ष या प्रतिनिध्यात्मक प्रजातन्त्र। राज…
प्रो. सेबाइन का विचार है कि हीगल की राजनीतिक विचारधारा का महत्त्व दो बिन्दुओं पर केन्द्रित है और वे हैं - द्वन्द्वात्मक प्रणाली तथा राष्ट्रीय राज्य का आदर्श स्वरूप। हीगल के अनुसार मानवीय सभ्यता की प्…
ग्रीन के राजनीतिक दर्शन को योगदान एवं महत्व के बारे में वैपर ने लिखा है कि ग्रीन ने उदारवाद और आदर्शवाद के दोषों का संशोधन किया और उदारवाद को नैतिक तथा सामाजिक रूप प्रदान किया और आदर्शवाद को परिष्कार…
भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी का अध्ययन किया जाए, तो यह स्पष्ट हो जाता है भारत के प्रसंग में तो स्थिति अधिक असंतोषजनक है। वर्तमान समय में 543 सदस्यों की लोकसभा में 48 (8.8 प्रति…
विट्जरलैण्ड एक संघ राज्य है और न्यायपालिका के अन्तर्गत संघीय क्षेत्र में एक ही संस्था है, जिसे संविधान ने नाम दिया है - स्विस संघीय न्यायाधिकरण । स्विस संघीय न्यायाधिकरण स्विस संविधान के अनुच…
ब्रिटिश सरकार की कार्यपालिका व व्यवस्थापिका के बाद तीसरा अंग न्यायपालिका है जिसका मुख्य कार्य संसद द्वारा पारित अधिनियमों का प्रयोग करना है। वे अपने आप प्रयुक्त नहीं होते हैं, वरन् व्यक्तियों द्वारा …
यूनाइटेड किंगडम संविधान की एक अनुपम देन विधि का शासन है। इसका अभिप्राय यह है कि ब्रिटेन में किसी व्यक्ति विशेष की निजी इच्छा का शासन न होकर विधि अर्थात् कानून का शासन है। चाहे कोई व्यक्ति कितना ही बड…
न्यायपालिका शासन का वह अंग है जो कानूनों की व्याख्या करता है और न्याय की व्यवस्था करता है। यदि शासन का यह अंग किसी अन्य सत्ता के अधीन हो तो वह निष्पक्षता के साथ निर्णयन देने में असमर्थ होगा। न्यायपाल…