खनिज वे प्राकृतिक पदार्थ हैं, जो खदानों से प्राप्त किए जाते हैं। खनिजों को शुद्ध करके विभिन्न उद्योगों का उपयोग किया जाता है। ये संसाधन किसी भी क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
छत्तीसगढ़ भारत के सबसे खनिज-समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ कुल 28 ज्ञात खनिजों के भंडार हैं, जिनमें कोयला, लौह-अयस्क, बॉक्साइट, टिन, सोना, चूना पत्थर, मैंगनीज, डोलोमाइट, हीरा, और अभ्रक प्रमुख हैं।
छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले खनिज
खनिज | मुख्य क्षेत्र | राष्ट्रीय योगदान (%) |
---|---|---|
कोयला | सरगुजा, कोरबा, रायगढ़ | 16.65% |
लौह अयस्क | बस्तर, दुर्ग, कांकेर | 18.67% |
बॉक्साइट | सरगुजा, कोरबा, बस्तर | - |
टिन | दंतेवाड़ा, नारायणपुर | भारत का एकमात्र स्रोत |
सोना | महासमुंद, रायपुर, सरगुजा | - |
1. कोयला
- भारत में स्थान: तीसरा (झारखंड और ओडिशा के बाद)
- कुल भंडार: 16.65%
- मुख्य क्षेत्र: सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा
- प्रकार: बिटुमिनस और लिग्नाइट
- महत्व: थर्मल पावर प्लांट्स, इस्पात और सीमेंट उद्योग
2. लौह-अयस्क
- भारत में स्थान: तीसरा
- कुल भंडार: 26,476 मिलियन टन (भारत का 18.67%)
- मुख्य क्षेत्र: बस्तर (बैलाडीला), दुर्ग, कांकेर
- महत्व: इस्पात उत्पादन में प्रमुख उपयोग
3. बॉक्साइट
- मुख्य क्षेत्र: रायपुर, सरगुजा, कोरबा, बिलासपुर, कवर्धा, रायगढ़, बस्तर, राजनांदगांव
- कुल भंडार: 19 लाख टन (सरगुजा के परपटिया और उरंगा क्षेत्र में उच्च श्रेणी का बॉक्साइट)
- महत्व: एल्युमिनियम उत्पादन के लिए आवश्यक
4. टिन
- भारत में स्थान: पहला (छत्तीसगढ़ ही भारत में टिन का एकमात्र उत्पादक राज्य है)
- मुख्य क्षेत्र: दंतेवाड़ा (गोविंदपुर, चरवाड़ा, चित्तलवार), भीमसेन और वास नदियां
- महत्व: इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उद्योग, परमाणु अनुसंधान
5. डोलोमाइट
- भारत में स्थान: दूसरा
- मुख्य क्षेत्र: जगदलपुर, दंतेवाड़ा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़
- महत्व: स्टील और सीमेंट उद्योग
6. मैंगनीज
- कुल भंडार: 516.66 मिलियन टन
- मुख्य क्षेत्र: बिलासपुर, मुलमुला, सेमरा, कोलिहाटोला
- महत्व: इस्पात निर्माण में उपयोग
7. चूना पत्थर
- भारत में स्थान: पांचवा
- मुख्य क्षेत्र: रायपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, बस्तर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़
- महत्व: सीमेंट निर्माण, इस्पात उद्योग
8. सोना
- मुख्य क्षेत्र: महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, कांकेर, दुर्ग, सरगुजा, जशपुर
- प्राप्ति का तरीका: नदियों के बालू में (ईब नदी, मैनी नदी, सबरी नदी)
- महत्व: आभूषण उद्योग
9. अभ्रक
- मुख्य क्षेत्र: जगदलपुर, दरभा घाटी, बगोला, धनपानी, झरनगांव
- महत्व: इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली के उपकरणों में इन्सुलेशन
खनिज संसाधनों का महत्व
खनिज उद्योग से छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपए का राजस्व
प्राप्त होता है। खनन और संबद्ध उद्योगों में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और
अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है।
- कोयला – थर्मल पावर प्लांट्स और इस्पात उत्पादन
- लौह-अयस्क – स्टील और मशीन निर्माण
- बॉक्साइट – एल्युमिनियम उत्पादन
- टिन – इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग
छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों के मामले में भारत का एक प्रमुख राज्य है, जो देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहाँ के लौह-अयस्क, कोयला, टिन, बॉक्साइट, और अन्य खनिज देश के विभिन्न उद्योगों की रीढ़ हैं।
हालांकि, खनन से जुड़े पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सतत विकास के लिए सरकार और उद्योगों को संतुलित नीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। इससे न केवल राज्य की आर्थिक उन्नति होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी संभव होगा।