छत्तीसगढ़ी मुहावरे - Chhattisgarhi Muhavare

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छत्तीसगढ़ी एक बहुत ही मधुर बोली है। छत्तीसगढ़ की आम बोलचाल में ऐसे कई वाक्य होते है जिनका विशेष अर्थ होता हैं। उसे छत्तीसगढ़ी मुहावरे कहाँ जाता हैं। मुहावरा संक्षिप्त वाक्य होता है जो की पूर्ण अर्थ को प्रकट करता है। छत्तीसगढ़ी में मुहावरों का भी महत्व उतना ही है जितना की हिन्दी का है।

तो चलिए जानते है छत्तीसगढ़ी मुहावरों का हिंदी में अर्थ क्या होता है तथा इसका प्रयोग किस प्रकार छत्तीसगढ़ी बोली में किया जाता है। मुहावरे और लोकोक्तियाँ को सामान्य जनमानस की आवाज कहा जा सकता हैं। क्योकि यह मुहावरे अनुभव से प्रगट हुए हैं।

छत्तीसगढ़ी मुहावरे और उनका प्रयोग

1. कनिहा ढील होना - कमजोर होना।
वाक्य में प्रयोग - बुता करत-करत राजू के कनिहा ढील होंगे।

2. चित ले उतरना - मन से उतर जाना।
वाक्य में प्रयोग - कोमल के व्यवाहर देख वो हा मोर चित ले उतर गे।

3. तिड़ी-बिड़ी होना - नष्ट होना।
वाक्य- पैसा पाये के चक्कर म सब तिड़ी-बिड़ी होगे लागथे।

4. जिउ देना - प्राणप्रिय होना।
वाक्य - एक झन खातिर बर सबो झन जिउ देबर तैयार होगे।

5. पानी ढील होना - ड़र जाना।
वाक्य - गुण्डा मन ल आत देख मोहन के पानी ढील होगे।

6. डांड़ देना - जुर्माना देना।
वाक्य - भगतु ल खेत ल बोए हस कके सियनहा मन हा डांड़ दिस।

7. डेहरी खूंदना - किसी के घर जाना।
वाक्य - झगरा होए के बाद बुधारू ह दिनेश के घर के डेहरी ल नई खुन्दीश।

8. दाँत निपोरना - लज्जित होना।
वाक्य - स्कूल मे डांस ल देख के राकेश दाँत निपोरने लगा था।

9. छाती फटना - अत्यंत ईर्ष्या करना।
वाक्य - सोनू ल देख मोनू के छाती फाटन लागीश।

10. छानी में होरा भुंजना - अत्याचार करना।
वाक्य - रामु ह महेश के छानी में होरा भुज दिस।

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11. चाउर छीचना - जादू करना।

वाक्य- मंगलू ह ऐसे चाउर छिचिस की सबो झन मोहा गे।

12. छुछुवा के रहना - निराश होना।

वाक्य - मोहन ह गाव चल दिस त सोहन ह छुछुवात ले रगे।

13. तीन पांच करना - उठा-पटक करना,फरेब करना।

वाक्य - लोन ले के खातीर जोसिला हा बैंक वाला मन संग तीन पांच करन लागिस।

14. जुच्छा हाथ होना - विधवा होना।

वाक्य - जोवाना के पती ह मर गे त वो ह झुच्छा हाथ होंगे।

15. नाउ राऊत बन्द करना - सामाजिक बहिष्कार करना।

वाक्य - साहनु के टुरी ह टुरा ल धर के भाग गे जेकर कारन वोकर नाउ-राऊत ल बन्द कर दे गीस।

16. अंगना खंचवा करना - अधिक खशामद करना।

वाक्य - मोना ल मनात-मनात अंगना खचवा होंगे लेकिन वो ह नई मानिस त काय कारों।

17. अरई लगाना - हाथ धोकर पीछे पड़ना।

वाक्य - मोहन ह सोहन के पाछु म अरई लयाए बागीर घूमत रथे ऐसे लागथे।

18. आंसू ढ़राना - रोने का अभिनय करना।

वाक्य - गोलू ल आत देखिस तहान मोनिका ह आँशु ढ़ारे लागीश त मे ह समझ गेव की कुछु गड़बड़ हाबे क के।

19. आगी में मूतना - अन्याय करना।

वाक्य - श्याम ह बने कहिस की उपई टुरा-टुरी मन सदा आगी मे मुतथे।

20. गोड़ किटकना - किसी के द्वारा याद करना।

वाक्य - सीता ह राम बर गोड़ किटकत र गे लेकिन वो ल नई पाइस।

21. लोटा धरना - भिखारी बनना।

वाक्य - प्रमोद के एक दिन ऐसे आईस की ओला लोटा धरे ल पड़ गे।

22. अंगठी चावाना - आश्चर्य मे पड़ना।

वाक्य - ताजमहल ल देख के बाद मनोहर कका ह अंगठी चबा डारिस।

23. अंगरी देखाना - धमकाना।

वाक्य - राम ह श्याम ल कहत हाबे की तै मोला अंगरी मत देखा मैं जानत हवव तोरो बारे म।

24. आँखी चढ़ाना - आँख से गुस्सा देखाना।

वाक्य - मोला देखत ही मन्नू ह आँखी चढ़ा लिस।

25. कहे मा आना - बहकावे में आना।

वाक्य - अबड़ अकन चांदी के दाम ल सुन के रामबती ह कहे में आ गे ,और सबो रुपया ल दे दिस।

26. गंगा जल उचाना -  कसम खाना।

वाक्य - वोकर कहे म तहुं ह गंगा चल उठा देस।

27. गडई करना - चापलूसी करना।

वाक्य - झंग्लू ह मंग्लू के गडई करत-करत नई थकिस।

28. घांठा परना - आदी होना।

वाक्य - जानु जानु क के रेशमा के घांटा पर गे।

30. जान के जंजाल होना - एकदम दुखी होना।

वाक्य - पानी के कमी के कारण जान के जंजाल हो गे।

31. धकर-धकर होना - एकदम कमजोर होना।

वाक्य - स्वाइन फ्लू के कारण मोरो गी ह धकर-धकर करे बर धरत है। 

32. धारे धारे बोहाना - विनाश होना।

वाक्य - वो ह धारे-धार बोहागे।

33. बघनिन के दूध - बहुत कठिन कार्य करना।

वाक्य - रामु ह बाघिन के दुध्द पी ड़ारे हाबे

34. बादर छूना - असम्भव कार्य करना।

वाक्य - इसरो वाला मन चाँद मे खोज करके बादर ल छु डारिस।


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