इस पोस्ट में विशेषण को आसान भाषा में समझने का प्रयास किया गया है मुझे आशा है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद विशेषण आपको पूरी तरह से समझ आ जायेगा।
अनुक्रम |
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विशेषण किसे कहते हैं |
विशेष्य किसे कहते हैं |
विशेषण के प्रकार |
गुणवाचक विशेषण |
संख्यावाचक विशेषण |
परिमाणवाचक विशेषण |
सार्वनामिक विशेषण |
विशेषण किसे कहते हैं
संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता (गुण, दोष, आकर, उम्र, संख्या, रंगआदि) बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। जैसे "पुराना" "हरा" और "हंसमुख" विशेषणों के उदाहरण हैं। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम का वर्णन करताहैं।
- काला घोड़ा जा रहा है।
- बादल नीला है।
- राजु खुश है क्योंकि वह परीक्षा में पास हो गया।
- मित्र ईमानदार है।
- सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल अच्छा है।
- बलैक बोर्ड काला है।
- मिना दुखी है।
- क्रिकेट ग्यारह खिलाड़ी खेलते है।
- रेशम मुलायम होता है।
- भारत विकासशील देश है।
इन उदाहरणों में आपको जो हाईलाइट शब्द दिख रहे है वह शब्द विशेषण है। विशेषण को कैसे खोजे -वाक्य: काला घोड़ा जा रहा है। यदि हम इस वाक्य में कर्ता के बाद क्या प्रश्न जोड़ दे तो हमें विशेषण मिल जायेगा जैसे - घोड़ा क्या है ? उत्तर - काला उस वाक्य कीविशेषण होगा।
विशेष्य किसे कहते हैं
वाक्य में जिस शब्द की विशेषता जतायी जाती है उसे विशेष्य कहा जाता है। भारत विकासशील देश है। इस उदाहरण में भारत विशेष्य है। क्योंकि भारत की विशेषता बताई जा रही है की भारत एकविकासशील देश है।
विशेषण के प्रकार
विशेषण के चार प्रकार है। विशेषण के भेद या प्रकार एक ही होता है, यदि विशेषण के कितने भेद है प्रश्न आये तो आपका उत्तर चार ही होना चाहिए। नीचे विस्तार से समझाया गया है।
क्र. | विशेषण के प्रकार |
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1 | गुणवाचक विशेषण |
2 | संख्यावाचक विशेषण |
3 | परिमाणवाचक विशेषण |
4 | सार्वनामिक विशेषण |
गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं
1. गुणवाचक विशेषण में गुण के अलावा और कई विशेषता को बतलाता बतलाता है इसमें यह ध्यान देने वाली बात है। गुण वाचक विशेषण का अर्थ - जिस शब्द में संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, दिशा, आकर, अवस्था, स्थान, गंध आदि का बोध होता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण -
- गुण - अच्छा, ईमानदार, भला, दयालु।
- दोष - बुरा, बेईमान, कपटी, छलिया, अपराधी।
- रंग - काला लाल सफ़ेद नीला पीला।
- दिशा -उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम।
- अकार - गोल, त्रिभुज, चौकोर, आयताकार।
- अवस्था - स्वस्थ, बीमार, चलना, दौड़ना, खेलना।
- स्थान - दिल्ली, भोपाल, रायपुर, चंडीगढ़, सूरत।
ऊपर दिए गए चार्ट में सभी गुण वाचक विशेषण के अंतर्गत आते है, इसे और अच्छे से समझ ने के लिए उदाहरण देखते है
गुण -
- वह अच्छा लड़का है।
- राम ईमानदार व्यक्ति है।
- गंगाराम भला व्यक्ति है।
- कुमकुम दयालु औरत है।
इन वाक्यों में अच्छा, ईमानदार, भला और दयालु शब्द गुण का बोध करा रहे है ये गुण वाचक विशेषण के अंतर्गत आएँगे।
दोष -
- कंश बुरा व्यक्ति था।
- वह बेईमान आदमी है।
- कैकई कपटी औरत है।
- मोहन का दोस्त छलिया है।
बुरा, बेईमान, कपटी और छलिया ये सभी दोष को दर्शाते है, तो यह शब्द गुणवाचक विशेषण है। किसी संज्ञा या सर्वनाम की दोष बताये तो वह गुण वाचक विशेषण होगा।
रंग -
- घोडा काला है।
- आकाश नीला है।
- पत्ते हरे है।
- पेन लाल रंग का है
काला नीला हरा और लाल, रंग को बता रहे है अतः ये भी गुण वाचक विशेषण है।
दिशा -
- सुरेश का घर उत्तर की ओर है।
- मैदान दक्षिण की ओर जाने से दिखेगी।
- श्रीलंका दक्षिण में है।
- जापान पूर्वी दिशा मे है।
उदाहरण में उत्तर दक्षिण और पूर्वी ये शब्द दिशा का बोध करते है। अतः ये गुण वाचक विशेषण है।
आकार -
- गेंद गोल है।
- टेबल चौकोर है।
- तुम त्रिभुज बनाओ।
- कमरा आयताकार है।
इसमें गोल चौकोर त्रिभुज और आयताकार ये गुण वाचक विशेषण है। क्योकि ये शब्द आकार का बोद करते है।
अवस्था -
- वह स्वस्थ है।
- किशन बीमार हो गया है।
- राजू दौड़ रहा है।
- सूरज खेल रहा है।
स्वस्थ बीमार दौड़ और खेल ये शब्द किसी अवस्था को बताते है। अवस्था को बताने वाले शब्द गुण वाचक विशेषण होते है।
स्थान -
- मिना रायपुर जा रही है।
- वह व्यक्ति पंजाबी है।
- ताजमहल आगरा में है।
- ऑलम्पिक जापान में होगा।
इन वाक्यों में क्रमशः रायपुर, पंजाबी , आगरा और जापान स्थान को बता रहे है ये सभी शब्द गुणवाचक विशेषण है।
संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं
2. संख्यावाचक विशेषण - जिस वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम के बारे में विशेसता में संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण -
- कक्षा में 32 विद्यार्थी उपस्थित हैं।
- दोनों भाइयों में बड़ा राजेश हैं।
- उनकी दूसरी लड़की की सगाई है।
- देश का हरेक युवा वीर है।
संख्यावाचक विशेषण के भेद - संख्या वाचक विशेषण को दो भागों में बाँटा गया है - 1 निश्चयवाचक विशेषण 2 अनिश्चयवाचक विशेषण
1 निश्चयवाचक विशेषण - जिस वाक्य में एक निश्चित संख्या का बोध हो वह निश्चय संख्या वाचक विशेषण होगा। उदाहरण - मेरे पास 10 पुस्तक है। इसमें यह निश्चित है की मेरे पास 10 पुस्तक है इस विशेषण में संख्या शब्द का उपयोग होता है।
2 अनिश्चयवाचक विशेषण - जिस वाक्य में यह निश्चित नहीं होता संख्या कितनी है तो उसे अनिश्चय संख्या वाचक विशेषण कहा जाता है। उदाहरण - मेरे पास कुछ पुस्तक है। इस वाक्य में कुछ शब्द का उपयोग किया गया है। किसी संख्या का उपयोग नहीं किया गया है अतः यह अनिश्चय संख्या वाचक विशेषण है।
परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं
3. परिमाणवाचक विशेषण -जिस विशेषण से किसी वस्तु की नाप-तौल का बोध होता है, उसे परिमाण-बोधक विशेषण कहते हैं। इसमें नाप तौल से सम्बंधित शब्द आते है।
उदाहरण -
- मुझे चार मीटर कपड़ा दो।
- ममता को एक किलो चीनी चाहिए।
- बीमार को थोड़ा पानी देना चाहिए।
पहला वाक्य में चार मीटर कपड़े की बात हो रही है मीटर नापने में काम लिया जाता है तो यह परिणाम वाचक विशेषण होगा। दूसरे वाक्य में किलो और तीसरे वाक्य में थोड़ा शब्द परिणाम वाचक विशेषण है।
परिमाणवाचक विशेषण के प्रकार
परिमाणवाचक विशेषण को दो भागों में बाँटा गया है - 1 निश्चयवाचक विशेषण 2 अनिश्चयवाचक विशेषण,
1. निश्चयवाचक विशेषण - जिस वाक्य में निश्चित माप का बोध हो वह निश्चय वाचक विशेषण होगा। जैसे - मुझे दो किलो चीनी दो। इसमें एक निश्चित वजन की बात हो रही है अतः निश्चयवाचक विशेषण है।
उदाहरण -
- सुरेश 2 लीटर दूध किराना दुकान से आना।
- 10 मीटर कपड़े काटकर दो।
- रमेश मुझे 10 पुस्तक पुस्तकालय से लाकर देना।
- मुझे एक गिलास पनि देना।
2 अनिश्चयवाचक विशेषण - जिस वाक्य में किसी निश्चिता का बोध नहीं होता वह अनिश्चयवाचक विशेषण कहलाता है। जैसे - मुझे कुछ पेपर चाहिए। इस वाक्य में एक यह निश्चित नहीं है की पेपर कितना चाहिए। कुछ में कितने भी पेपर आ सकते है। इसे हम माप नहीं सकते है।
उदाहरण -
- कृष्णा थोड़ा पानी लाना।
- दूध में कुछ चीनी डालना।
- मार्च में तापमान अधिक होता है।
- यह पेन्सिल थोड़ा बड़ा है।
- सार्वनामिक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं
4.सार्वनामिक विशेषण जब कोई सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा शब्द से पहले आए तथा वह विशेषण शब्द की तरह संज्ञा की विशेषता बताये, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
- वह आदमी व्यवहार से अच्छा है।
- कौन लड़का मेरा काम करेगा।
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
जिस अविकारी शब्द (अव्यय) द्वारा क्रिया की विशेषता का बोध होता है, उसे क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे- जब, धीरे-धीरे, ऊपर, भीतर, क्यों, कैसे, इतना, भला, नहीं आदि।
अर्थ के आधार पर क्रिया - विशेषण के चार भेद होते हैं।
- कालवाचक - अभी, एकबार, कब तक, प्रतिदिन।
- स्थानवाचक – अन्दर, ऊपर, नीचे, पीछे।
- रीतिवाचक – शायद, अचानक, कैसे, शीघ्र।
- परिमाणवाचक – अति, इतना, थोड़ा, काफी, कम।
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