जल सभी जीवों के लिए पहली आवश्यकता है और जल संरक्षण आज का सबसे महत्वपूर्ण विषय है। इसका सीधा सा मतलब है कि पानी का उचित और विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना होगा। चूंकि हमारा जीवन पूरी तरह से पानी पर निर्भर है। इसलिए जल संरक्षण के बारे में सोचना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है।
जल संरक्षण किसे कहते हैं
जल संरक्षण जल का सावधानी पूर्वक उपयोग करना। साफ और पिने योग्य पानी को बचा कर रखना ही जल संरक्षण कहलाता है। इसमें उपयोग किए गए पानी की मात्रा और गुणवत्ता दोनों शामिल हैं। पानी सभी जीवन के पोषण के लिए आवश्यक पदार्थ है। कृषि उद्योग के लिए उपयुक्त जल का होना आवश्यक होता है।
मानव आबादी बढ़ने के साथ, जल संसाधनों पर गंभीर तनाव पैदा हो गया है। टंकियों और झीलों, और भूजल के दुरुपयोग जैसे सतही जल निकायों की लापरवाही के कारण पिने योग्य जल की कमी हो रही है। आगे आने वाले वर्षों में यह समस्या और बढ़ती जाएगी।
सौभाग्य से जल चक्र के माध्यम से पानी को प्राकृतिक रूप से पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। मनुष्य ने इस प्रक्रिया को गति देने के लिए तकनीक विकसित की है। हालांकि, विविध कारकों सूखा, बाढ़, जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण, आदि के कारण जल आपूर्ति समुदाय की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर सकती है।
जल संरक्षण यह सुनिश्चित करता है कि आज और काल के लिए स्वच्छ जल की आपूर्ति उपलब्ध हो सके। हम केवल पानी के एक छोटे प्रतिशत पर निर्भर हैं, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे प्रदूषित न करें और इसका दुरुपयोग न करें।
जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों हैं
अगर पानी के योयोगिता की बात करें तो यह हमारे जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे शरीर का लगभग 75% भाग पानी है। पानी के बिना हमारे शरीर का पाचन क्रिया अपना कार्य नहीं कर सकती है। इस प्रकार जल है तो कल है और जल ही जीवन है जैसे कथन सत्य प्रतीत होते हैं क्योंकि हम भोजन के बिना तो कुछ समय तक रह सकते हैं। लेकिन पानी के बिना एक पल भी नहीं रहा जा सकता है।
पृथ्वी का 97 प्रतिशत जल महासागरों में स्थित है। जिसका उपयोग पीने और कृषि में नहीं किया जा सकता हैं। केवल तीन प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है जिसमें से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों में जमा हुआ है। अब बचा केवल 0.6 प्रतिशत पानी जो नदियों, झीलों और तालाबों में है। जिसका उपयोग हम पीने और अन्य जरूरतों के लिए करते हैं।
पृथ्वी पर पानी सबसे महत्वपूर्ण है। यह जीवन के लिए बहुत जरुरी हैं। पानी के बिना जीवन असंभव हैं। पानी से खाना पकाना, कपड़े धोना, सफाई करना जैसे कार्य करते हैं। पानी पेड़-पौधों और अन्य जंगली जीवों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त जल कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अति आवश्यक है।
दुनिया में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो भूजल और कम वर्षा के कारण पानी की अत्यधिक कमी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में, भूजल दूषित है। इन कारकों से सूखे की स्थिति पैदा होती है और इन क्षेत्रों में पानी की कमी होती है। इसके अलावा, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने उन समस्याओं को और बढ़ा दिया है जहां आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है।
दिल्ली जैसे शहरों में तो पानी की इतनी ज्यादा समस्या है कि लोग दूषित पानी से अपना जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं तो इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार भी वर्षा जल संरक्षण और जल संरक्षण कार्य कर रही हैं।
जल संरक्षण के उपाय
यहां पर वर्षा जल संरक्षण के कुछ टिप्स दिए हैं जो कि आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं। लोगों में पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना जरुरी है। जल बचाओ अभियान लोगों को यह महसूस करने में मदद करता है कि ताजा और शुद्ध पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं। इसलिए इसका उपयोग सिमित रूप से करना चाहिए।
- सबसे पहले तो हमें जल का दोहन कम करना चाहिए।
- जल संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाया जा रहे हैं।
- हमें बांध बनाकर वर्षा जल को संरक्षित रखना चाहिए।
- जल का उपयोग हमें सोच समझ कर करना चाहिए ।
- गांव में बहने वाले पानी को छोटे-छोटे बांध बनाकर रोकना चाहिए।
- खेतों में छोटे से तालाब बनाना चाहिए।
- बारिश के पानी को गड्डा करके एकत्र करना चाहिए।
- सावर के पानी का उपयोग अन्य कार्यो के लिए किया जा सकता हैं।
- जल प्रदूषण रोककर हम जल संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।
- कृषि में आधुनिक सिंचाई विधियों का उपयोग करना चाहिए।
कम से कम वर्षा जल के संग्रह के माध्यम से जल का संरक्षण किया जा सकता है। उदाहरण के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए झीलों, नहरों, तालाबों का अधिक से अधिक निर्माण किया जा सकता हैं। फिर इस पानी का उपयोग बागवानी, सिंचाई या शौचालय के लिए आसानी से किया जा सकता है। आप वर्षा जल संचयन के माध्यम से छोटे पैमाने की खेती के लिए भी संग्रहित जल का उपयोग कर सकते हैं।
जल संरक्षण के आधुनिक तरीके
अपने ब्रश करते समय नल बंद रखना चाहिए। इससे काफी पानी बचाया जा सकता है। इसके अलावा, अपने बच्चों को भी ऐसा करने के लिए शिक्षित करें। इस अभ्यास का पालन करके, आप हर महीने कम से कम 150 गैलन से अधिक पानी बचा सकते हैं।
अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाथटब, सिंक सिस्टम, डिशवॉशर आदि उपकरण खरीदने का प्रयास करें। सिंक या शौचालय में एक छोटे से रिसाव से गई गैलेन पानी बर्बाद हो सकता है। घर या गाड़ी को पानी से साफ करने के बजाय झाडू या कपड़े का उपयोग करे।
जल संरक्षण के अन्य उपाय
- फुटपाथ और ड्राइववे को साफ करने के लिए पानी के बजाय झाड़ू का प्रयोग करें।
- कार धोते समय, ऑन - ऑफ नोजल वाली होज़ का उपयोग करें या पानी की बाल्टी का उपयोग करें।
- जब पानी जल्दी से वाष्पित नहीं होता सुबह या शाम को उस समय पौधों और फूलों में पानी दें।
- हाथ से बर्तन धोते समय, पानी को बहने देने के बजाय एक गड्ढे स्टोर काके रखे।
- पानी के लीक को ठीक करें।
- लो-फ्लो शावरहेड स्थापित करें।
- जब पानी उपयोग में न हो तो नल को बंद कर दें।
- डिशवॉशर या वॉशिंग मशीन को केवल पूरे लोड के साथ चलाएं।
- शॉवर का समय 5 मिनट या उससे कम तक सीमित करें।
- नहाने के बजाय शावर लें।
जल संरक्षण के लाभ
वैसे तो जल संरक्षण के बहुत सारे लाभ हैं लेकिन मैं यहां पर सभी का जिक्र ना करते हुए एक बात साफ करना चाहूंगा कि अगर आज हम अगर पानी बचाते हैं तो भविष्य में हमें जब भी किसी भी प्रकार के पानी की आवश्यकता पड़ेगी तो उसके लिए हम निश्चिंत रहेंगे।
आने वाले भविष्य में पानी की कोई कमी नहीं होगी और इससे हमारे पृथ्वी का जो जलस्तर है वह भी ठीक से बना रहेगा जिससे फसलों का उत्पादन हम अच्छे से ले सकते हैं। जल संरक्षण आज के ही नहीं बल्कि भविष्य के जल संकट से हमें बचा सकता है इसलिए हमें जल का उपयोग सोच समझ कर करना चाहिए।
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