धोलेरा स्मार्ट सिटी - Dholera Smart City in India

मुझे पता है आप जानना चाहते हैं की स्मार्ट सिटी क्या है? चलिए जानते हैं स्मार्ट सिटी  के बारे में भारत में स्मार्ट सिटी पर काम चल रहा है जिसमे धुरेला स्मार्ट सिटी गुजरात में बन रहा है। इसके साथ ही भारत में 100 स्मार्ट सिटी बनाने पर काम चल रहा है। 

स्मार्ट सिटी योजना क्या है

स्मार्ट सिटी की परिभाषा की बात करे तो सभी देशों का स्मार्ट सिटी को लेकर अलग अलग परिभाषा है। इस प्रकार स्मार्ट सिटी की कोई एक परिभाषा दे पाना कठिन है। यह उस सिटी की व्यवस्था को देखकर कहा जा सकता है कि वह स्मार्ट सिटी है।

what is smart city in india

यह कार्यक्रम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चालू किया गया है। इस कार्यक्रम में उर्बन की एक संस्था ने India के प्रधानमंत्री को सहायता प्रदान की है जो कि शहर के विकास में लगने वाले धन की पूर्ति करता है। स्मार्ट सिटी की शुरुआत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ा है।  

चर्चा में तब आया जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। लेकिन आपको बता दें कि इसकी शुरुवात 2007 में ही हो गयी थी। अभी तक हम सभी को पता है कि स्मार्ट का मतलब ऐसा जो सभी गुणों से सभी सुविधाओं से सम्पन्न हों उसे ही हम स्मार्ट कहते हैं। 

लेकिन यहां पर स्मार्ट सिटी की बात हो रही है तो स्मार्ट सिटी के लिए कई प्रकार के चैलेंज हैं और उस चैलेंज को जो शहर पार कर लेता है उसे स्मार्ट सिटी के रूप में चुना जाता है तथा प्रति वर्ष उसे 100 करोड़ की वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है।

smart city project

smart city एक ऐसा शहर है जिसमें सभी मूलभूत सुविधाएं न केवल आसानी से बल्कि स्मार्ट तरीके से उपलब्ध होता है। इस प्रकार ऐसे शहरों में ऐसी बहुत सारी सुविधाएं होती हैं जिसके आधार पर उसे स्मार्ट सिटी के रूप में चुना जाता है। 

जैसे हर 10 मिनट की दूरी पर बस या ऐसा यातायात वाला जगह जहां से कहीं भी आना जाना सरल हो। चौबीस घण्टे बिजली की सुविधा स्मार्ट सिटी में होती है। यहाँ पर इलेक्ट्रिकली संचार के माध्यम होते हैं जो तत्काल 30 मिनट के अंदर किसी भी कार्य के लिए तत्पर रहते हैं। इस प्रकार कनेक्टिविटी की बेजोड़ प्रस्तुति वहाँ स्मार्ट शहरों में देखने को मिलता है।

जो अपशिस्ट पदार्थ बचते हैं उसको निपटाने की बहुत सारी सेवाएं इस कार्यक्रम के तहत हमें देखने को मिलता है जो कि स्वच्छ भारत जैसे स्वछता कार्यक्रम को भी साथ में लेकर चल रहा है। चौबीसों घण्टे साफ एवम स्वच्छ पानी एक निश्चित मात्रा में मतलब यहां पर यूजेस का पता लगाने के लिए स्मार्ट मीटर लगे होते हैं।

इस प्रकार के शहरों में प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए बायो फ्रेंडली चीजों का सबसे ज्यादा प्रयोग करना होता है तथा अपने क्षेत्र को ग्रीनफील्ड भी बनाना होता है और ज्यादा उपयोग विधुत से चलने वाले वाहनों का होता है।
यहाँ ट्रांसपोर्ट और यातायात के लिए उर्बन तकनीक का प्रयोग किया जाता है स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था भी होती है।
साथ ही ट्राफिक व्यवस्था भी बहुत ही सुदृण होती है और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी ज्यादातर ऐसे वाहनों को बढ़ावा देना होता है जिससे प्रदूषण कम हो। जैसे- इलेक्ट्रिक कार , बाइक और ई-रिक्शा आदि।

वाईफाई की सुविधा भी वहां जगह जगह पर दी जाती है। जिससे लोग एक दूसरे से कनेक्ट रह सकें और सारी जानकारी को डिजिटल इंडिया के माध्य्म से संचालित किया जाता है। इस कार्यक्रम को पूरा करना भारत को विश्व में एक पहचान दिलाना भी है। भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना तथा लोगों के लिए ऐसे मौहोल तैयार करना है जिससे लोग नौकरी के पीछे भागने के बजाय नौकरी देने में सकक्षम हों। स्किल इंडिया उससे जुड़ा ही एक कार्य है जो कि लोगों के कम्युनिकेशन स्किल को डेवलप तो करता है साथ ही रोजगार के लिए आवश्यक क्नॉलेज उन्हें उपलब्ध कराता है।

स्मार्ट सिटी में ऐसे कई संस्थान खोलने के प्रावधान भी हैं जिससे कि स्किल डेवलोपमेन्ट सेंटर खुलें और लोग वहां जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करें साथ ही यह संस्था उन्हें जॉब लाकर भी देती हैं। जैसे कि आपने अगर कोई स्किल इंडिया के माध्यम से कोई कम्प्यूटर कोर्स किया है तो आपको इस कम्प्यूटर से जुड़े प्राइवेट जॉब या सरकारी जॉब में यही स्किल इंडिया जिसको कौशल विकास के नाम से भी जाना जाता है उसका सर्टिफिकेट काम आता है।

जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया था कि ट्राफिक व्यवस्था बहुत ही अच्छी होगी और साथ ही पार्किंग की व्यवस्था भी डिजीटलीकरण के कारण बहुत ही अच्छा होगा। स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। इंटेलिजेंस ट्राफिक व्यवस्था के साथ ही विकसित ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी इन स्मार्ट सिटी में उपलब्ध कराना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।

टेली मेडिटेशन और टेली एजुकेशन इसका बहुत ही बड़ा कदम हो सकता है क्योंकि इसकी बहुत ज्यादा जरूरत हमें आज के समय में है। ऊर्जा के ऐसे संसाधन को उपलब्ध कराना भी है जो कि दोबारा उपयोग किया जा सके। ऊपर मैने आपको बताया था पानी की व्यवस्था भी सुदृण होगी। साथ साथ उसमें लीकेज का पता लगा के उन्हें स्मार्ट तरीके से रोकना यानी कि ऐसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना है जिससे उस जगह का पता हमें आसानी से चल सके। होने से रोका जा सकता है।

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Rajesh patel
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