नेपाल की राजधानी - capital of nepal in hindi

नेपाल की सीमा भारत और चीन से लगती हैं। नेपाल का क्षेत्रफल 147,181 वर्ग किलोमीटर है। जहाँ 3 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। लंबे समय से नेपाल बाहरी दुनिया से अलग थलग रहा हैं लेकिन 1955 में देश ने संयुक्त राष्ट्र का सदय बनने का फैसला किया। जिसके बाद अन्य देशो के साथ व्यापर और पर्यटन में वृद्धि हुयी हैं।

नेपाल की राजधानी

नेपाल की राजधानी काठमांडू है। नेपाल मुख्य रूप से हिमालय में स्थित है। इसकी सीमा उत्तर में तिब्बत क्षेत्र और दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में भारत से लगती है। नेपाल में उपजाऊ मैदान, वन पहाड़ियाँ और सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट हैं। नेपाल एक हिन्दू देश है, जिसकी आधिकारिक भाषा नेपाली है।

2008 में विद्रोह के बाद लंबे समय से चल रहे राजशाही को भंग कर देश को एक लोकतांत्रिक देश बना दिया गया हैं। भारत और चीन के बीच स्थित नेपाल अपनी विदेश नीति में दोनों देशों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहता है।

भौगोलिक स्थिति और अलगाव की निति के कारण नेपाल दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में से एक है। नेपाल में दुनिया का सबसे उचा पहाड़ी क्षेत्र हैं। देश का 75 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ों से ढका है। कई स्थानों में जंगलों की सफाई की गई है ताकि कृषि के लिए भूमि उपलब्ध हो सके।

नेपाल का इतिहास 

प्राचीनकाल - नेपाल का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। नेपाल का प्रारंभिक इतिहास प्राचीन भारतीय सभ्यताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि किराती लोग इस क्षेत्र के शुरुआती निवासी थे।

तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तरी भारत से उत्पन्न लिच्छवी वंश ने नेपाल में अपना शासन स्थापित किया। इस अवधि के दौरान बौद्ध धर्म का विकास हुआ और कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों का निर्माण किया गया था।

13वीं सदी में मल्ल वंश का उदय हुआ और उसने नेपाल को कई छोटे-छोटे राज्यों में बांट दिया। इस युग में कला, वास्तुकला और व्यापार का उदय हुआ। मल्ल राजाओं ने मंदिरों और महलों का निर्माण कराया था।

एकीकरण - 18वीं शताब्दी में गोरखा साम्राज्य के राजा पृथ्वी नारायण शाह ने कई छोटे-छोटे राज्यों को एकीकृत किया। 1768 में काठमांडू पर कब्जा कर पृथ्वी नारायण शाह ने नेपाल के आधुनिक देश की नींव रखी।

शाह वंश ने दो शताब्दियों तक नेपाल पर शासन किया। राणा वंश ने 19वीं शताब्दी के मध्य से 20वीं शताब्दी के मध्य तक नेपाल पर नियंत्रण रखा। इस अवधि के दौरान, अलगाववाद की नीति को बनाए रखते हुए, नेपाल बाहरी दुनिया से काफी हद तक अलग-थलग था।

संवैधानिक राजतंत्र - 20वीं शताब्दी के मध्य में, नेपाल में एक लोकतांत्रिक आंदोलन उभरा, जो राजनीतिक सुधारों और निरंकुश शासन को समाप्त करने की मांग कर रहा था। 1951 में राणा शासन को उखाड़ फेंका गया और राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह देश के राजा बन गया।

नेपाल का इतिहास - history of nepal in hindi

लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रहा जब तक संसदीय प्रणाली की स्थापना नहीं हो गई अन्तः 1990 में एक नया संविधान अपनाया गया, जिसने नेपाल को एक संवैधानिक राजतंत्र में बदल दिया।

2008 में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, राजशाही को समाप्त कर दिया गया और नेपाल एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। 1904 में अंग्रेजों ने नेपाल के राजा से समझौता कर नेपाल को एक आजाद देश का दर्जा प्रदान कर दिया था।

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