शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है। जिसका एक अर्थ होता है। बिना अर्थ वाले अक्षर के जोड़ को हम शब्द नहीं मन सकते। एक शब्द अन्य शब्दों के साथ मिलकर वाक्य बनाती है। यह बोली और लिखि जाने वाली भाषा का मूल तत्व होता है। जिसके माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। शब्द वे मूल तत्व हैं जो वाक्य और संपूर्ण पाठ का निर्माण करता हैं।
शब्द किसे कहते हैं
वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। सार्थक समूह का अर्थ, एक शब्द में आने वाले वर्ण जो की एक व्यवस्थित क्रम में होते है।
जैसे की आम। इसमें आ के बाद म के आने से इसका एक अर्थ स्पष्ट हो रहा हैं। आम एक फल का नाम हैं इसी तरह वह वर्णो का मेल जिसका कोई अर्थ हो शब्द कहलाता हैं।
एक या एक से अधिक वर्णों के मिलने से शब्द का निर्माण होता हैं। शब्दों के बिना भाषा या वाक्य का निर्माण संभव नहीं हैं। किसी भी भाषा में अच्छी पकड़ के लिए शब्द भंडार का ज्ञान होना अति आवश्यक होता हैं। हिंदी वर्णमाला में 52 वर्ण होते हैं जिसमे 35 व्यंजन और 13 स्वर तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
शब्द की परिभाषा
व्याकरण में, शब्द भाषा की मूल इकाई है। शब्दों को उनकी कार्य और अर्थ के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है। शब्द भाषा के लिखित और मौखिक दोनों रूपों में दो या दो से अधिक ध्वनियों के मिश्रण को संदर्भित करता है।
शब्द की विशेषताएं
- पारिभाषिक शब्द का अर्थ सुनिर्धारित होता है।
- जिस विषय अथवा सिद्धांत के लिए है, उसी से सम्बध्द या वही अर्थ व्यक्त करता है ।
- एक विषय में एक धारणा को प्रकट करने के लिए एक ही पारिभाषिक शब्द होता है ।
सभी शब्दों के वर्णों का क्रम निश्चित होता है, जैसे - आम का ही उदाहरण लेते और इसे उलट कर देखें उसका कोई सार्थक शब्द नहीं बनेगा। लेकिन इसमें कुछ अपवाद हैं जैसे कड़क इसको उलटने पर भी ऐसा ही अर्थ निकलता है जिसका सार्थक अर्थ होता है।
जबकि आम की उलटने पर मआ हो जाता है जिसका कोई सार्थक अर्थ नही है। सभी शब्दों का कोई न कोई अर्थ निश्चित होता है। शब्दों के द्वारा ही वाक्य रचना होती है। जिसके बारे में हम आगे पढने वाले हैं।
शब्द के प्रकार
हिंदी में शब्द को पांच भागों में वर्गीकरण किया गया है जो की इस प्रकार है -
- उत्पत्ति के आधार पर।
- अर्थ के आधार पर।
- रचना या बनावट के आधार पर।
- प्रयोग के आधार पर।
- व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर।
1. उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर
इस आधार पर यह देखा जाता है की भाषा का उद्गम या उत्पत्ति कहाँ से हुई है कहाँ से लिया गया है इसे देखा जाता है। इस उत्पत्ति के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण को पांच प्रकारों में बांटा गया है जो की इस प्रकार है -
तत्सम शब्द - तत्सम शब्द हिंदी भाषा के ऐसे शब्द हैं जो संस्कृत से लिये गए हैं तथा इनका ज्यों का त्यों प्रयोग किया जाता है। मतलब इनका रूप परिवर्तन नही होता है। अर्थात हिंदी भाषा में बिना किसी शब्द के मूल रूप को छेड़े बिना इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे - अग्नि, सूर्य, चंद्र, माता, पिता, पुत्र आदि।
तद्भव शब्द - तत+भव से मिलकर तद्भव शब्द बना है। तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण इसके रूप में थोड़ा परिवर्तन किया जाता है। उस शब्द को तद्भव शब्द कहा जाता है। जैसे - अग्नि शब्द का प्रयोग आग के रूप में करना।
देशज शब्द - उन शब्दों को देशज शब्द के रूप में जाना जाता है जिनके स्त्रोत का पता न हो और जो की विदेशी भी न हो ऐसे शब्दों को देशज शब्द कहा जाता है। जैसे - डिब्बा, खिड़की, लकड़ी, रोटी, लड़का, लोटा, पेट आदि।
विदेशी शब्द - जैसे की इसके नाम से ही स्पष्ट है ऐसे शब्द जो की अंग्रेजी, अरबी, फ़ारसी, पुर्तगाली, चीन, फ्रांसीसी आदि से हिंदी में आएं हों उन्हें ही विदेशी शब्द कहा जाता है। जैसे - नर्स, टेलीफोन और मोटर ये अंग्रेजी शब्द हैं। जबकि कागज, बेगम और तक़दीर अरबी शब्द हैं। इसी प्रकार कई तुर्की, फ्रांसीसी, यूनानी और पुर्तगाली शब्द का प्रयोग हिंदी में किया जाता हैं।
संकर शब्द - संकर शब्द वे शब्द है जो दो भाषाओं के शब्दों से मिलकर बने होते है। उदाहरण - रेलगाड़ी में रेल अंग्रेजी शब्द है, तथा गाड़ी हिंदी शब्द है। ऑपरेशन-कक्ष में ऑपरेशन अंग्रेजी शब्द है और कक्ष संस्कृत शब्द है।
2. अर्थ के आधार पर शब्द के प्रकार
अर्थ के आधार पर शब्दों को छः प्रकार में बांटा गया है। जो की इस प्रकार हैं -
एकार्थी शब्द - नाम से पता चलता है एकार्थी मतलब एक अर्थ वाला अतः इस प्रकार के शब्दों का सदा एक-सा अर्थ रहता है। जैसे- प्रधानमंत्री, संसद, सम्राट, राष्ट्रपति आदि।
अनेकार्थी शब्द - अनेक मतलब एक से अधिक इस प्रकार अनेकार्थी शब्द ऐसे शब्द होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। जैसे - पंकज फूल का नाम हैं और व्यक्ति का नाम भी होता हैं।
पर्यायवाची शब्द - पर्यायवाची शब्द उन शब्दों को कहते हैं जिनका अर्थ प्रायः समान होता है। इन शब्दों का उपयोग वाक्य या पदों को सुंदर और समृद्ध करने में किया जाता है। पर्यायवाची शब्द भाषा को विविधता और विस्तृतता प्रदान करते हैं। खुशी - आनंद, प्रसन्नता। भगवान - परमेश्वर, ईश्वर। विद्यालय - स्कूल, शिक्षा संस्थान।
विलोम शब्द - विलोम शब्द उन शब्दों को कहते हैं जिनका अर्थ अपने विलोम के अर्थ के विपरीत होता है। इन शब्दों का उपयोग भाषा में विविधता और संवेदनशीलता लाने के लिए किया जाता है। विलोम शब्द एक शब्द के विपरीत अर्थी शब्दों का समूह होते हैं। जैसे - सफल - असफल। अच्छा - बुरा। बड़ा - छोटा। दिन - रात। आसान - कठिन।
समरूपी शब्द - समरूपी शब्द एक ही अर्थ के होते हैं या प्रायः समान अर्थी शब्दों का समूह होते हैं। समरूपी शब्द एक ही शब्द के समानार्थक शब्दों का समूह होते हैं। ऐसे शब्दों को भिन्नार्थक या समरूपी शब्द कहते है। जैसे - देखना - नज़र रखना, दर्शन करना। जानना - पता होना, ज्ञात होना। कहना - बोलना, कथन।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द - जिन शब्दों का प्रयोग वाक्यांश अथवा शब्द समूह के स्थान पर किया जाता है, जैसे की किसी उद्देश्य या कार्य को एक शब्द के माध्यम से कहना। उन्हें ही हम अनेक शब्दों के लिए एक शब्द कहते हैं। अच्छे भाग्य वाला - सौभाग्यशाली। जिसकी कोई कीमत न हो - अमूल्य।
3. रचना के आधार पर शब्द के प्रकार
आइये अब देखते हैं रचना के आधार पर शब्द के तीन प्रकार जो की इस प्रकार हैं -
रूढ़ शब्द - ऐसे शब्द जिनका प्रयोग विशेष अर्थ के लिए किया जाता है तथा जिनके अलग होने पर मतलब संधि विच्छेद करने पर कोई अर्थ नही निकलता है उन्हें रूढ़ शब्द के नाम से जाना जाता है। ऐसे शब्द एक परम्परा के तरह प्रयोग किये जाते हैं। जैसे रात, दिन, पुस्तक, घोडा आदि।
यौगिक शब्द - ये ऐसे शब्द हैं जिनका अर्थ संधि विच्छेद करने पर अलग अलग लेकिन सार्थक अर्थ निकलता है उन्हें ही यौगिक शब्द कहते हैं, या इसे इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है वे शब्द जो सार्थक खंडों के योग से बनाए जाते हैं, यौगिक शब्द कहलाते हैं।
योगरूढ़ शब्द - यौगिक शब्द होते हुए भी जो शब्द किसी विशेष अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं। जैसे - पंकज, अर्थात कमल, नीलकंठ अर्थात शिव।
4. प्रयोग के आधार पर शब्द के प्रकार
प्रयोग के आधार पर शब्द के तीन प्रकार होते हैं जो इस प्रकार हैं -
सामान्य शब्द - जो शब्द हम दैनिक जीवन में आम बोलचाल में प्रयोग करते हैं, उन्हें सामान्य शब्द कहते है; जैसे - खाना, मकान, विद्यालय, दूध, कमरा आदि।
तकनीकी शब्द - जिन शब्दों का संबंध विभिन्न विषयों, व्यवसायों और विज्ञान आदि से होता है, उन्हें तकनीकी शब्द कहते हैं; जैसे - कम्प्यूटर, रसायन, रेखाचित्र आदि।
अर्द्ध-तकनीकी शब्द - जो शब्द तकनीकी होते हुए भी आम आदमी के जीवन में अधिक प्रचलन के कारण सामान्य लोगों द्वारा प्रयोग किए जाते हैं।
5. व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर
इस व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर शब्द के दो प्रकार होते हैं -
विकारी शब्द - जो शब्द अपना रूप, वाक्य के समय अर्थात काल, लिंग, वचन, कारक आदि के कारण बदलते रहते हैं। उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। विकारी शब्द के चार भेद होते हैं जो की इस प्रकार है - संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया।
अविकारी शब्द - ऐसे शब्द जिसका प्रयोग किसी भी समय या काल में लिंग के साथ या वचन के साथ करने पर जिसके रूप में कोई परिवर्तन न हो उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्दों के चार प्रकार इस प्रकार हैं - क्रियाविशेषण, सम्बोधन, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक।
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