प्रशांत और अटलांटिक महासागरों के बाद हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका से लगभग साढ़े 5 गुना बड़ा है। हिंद महासागर के अंदर अरब सागर, लैकाडिव सागर, सोमाली सागर, बंगाल की खाड़ी, और अंडमान सागर समाहित हैं। हिंद महासागर को पहले पूर्वी महासागर के नाम से जाना जाता था।
हिंद महासागर कहां स्थित है
हिंद महासागर यह अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी महासागर के बीच स्थित है। हिंद महासागर 68.556 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र फैला हुआ है। हिंद महासागर का नाम भारत देश के नाम पर रखा गया है, जो कि महासागर की अधिकांश उत्तरी सीमा पर स्थित है।
यह महासागर व्यापार के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। तेल, मछली, लोहा, कोयला, रबर, और चाय आदि की व्यापर इस रस्ते से होती हैं। ये सामान आमतौर पर जापान, अफ्रीका या फारस की खाड़ी के रास्ते तय की जाती हैं।
हिंद महासागर में लाल सागर और फारस की खाड़ी शामिल है यह दुनिया के कुल महासागर का 19.5% भाग है। इसकी औसत गहराई 3,741 मीटर और अधिकतम गहराई 7,906 मीटर है।
हिंद महासागर का सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है ?
जावा द्वीप हिन्द महासागर का सबसे बड़ा द्वीप है। जो इंडोनेशिया में स्थित है। कभी यहाँ शक्तिशाली हिंदू राज्य हुआ करता था। यहाँ पे कई हिन्दू मदिर के अवशेष पाए गए हैं। जिन्हे देखने के लिए लाखो लोग इंडोनेशिया जाते है। जावा द्वीप इंडोनेशिया के आर्थिक और राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
भूमध्य रेखा पर स्थित, जावा द्वीप दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला द्वीप है। जिसकी अनुमानित आबादी 143.1 मिलियन है। यह इंडोनेशिया के 57 प्रतिशत लोगो का घर है। प्राचीन काल में यह द्वीप हिंदू-बौद्ध साम्राज्यों का केंद्र हुआ करता था।
भाषा - जावा द्वीप की तीन मुख्य भाषाएं हैं। यहाँ इंडोनेशियाई भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बोली जाती है। जबकि अधिकांश जावानीस भाषा बोलते हैं। जावा में धर्म और संस्कृतियों का विविध मिश्रण मिलता है। जावा को चार प्रांतों में विभाजित किया गया है। पूर्वी जावा, मध्य जावा, पश्चिम जावा और बैंटन। यहाँ जावानीस और इंडोनेशियाई भाषा बोली जाती है।
क्षेत्रफल - आकार के अनुसार जावा दुनिया का 13 वां सबसे बड़ा द्वीप है। इसका क्षेत्रफल 128,297 वर्ग किमी में है। यह मुख्य रूप से ज्वालामुखी विस्फोटों द्वारा बना हैं और द्वीप में एक पूर्व से पश्चिम की ओर पर्वत श्रृंखला है।
धर्म - देश का संविधान धर्म निरपेक्ष का दावा करती है लेकिन सरकार केवल छह आधिकारिक धर्मों इस्लाम, प्रोटेस्टेंटिज़्म, कैथोलिक धर्म, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और कन्फ्यूशीवाद को मान्यता देती है। जावा द्वीप पर 90 प्रतिशत से अधिक लोग मुस्लिम हैं। जबकि दक्षिण-मध्य जावा के कुछ हिस्से में रोमन कैथोलिक और बौद्ध रहते हैं।
17 वीं शताब्दी के औपनिवेशिक काल के दौरान डच लोगों ने जावा में गन्ने, रबर, चाय और कॉफी के पौधों की व्यावसायिक खेती शुरू की थी। 19 वीं और 20 वीं सदी की शुरुआत में यहा की कॉफी ने वैश्विक लोकप्रियता हासिल की हैं। यही कारण है कि जावा नाम को आमतौर पर कॉफी का पर्याय माना जाता है।
हिन्द महासागर में स्थित प्रमुख द्वीपों के नाम |
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जावा द्वीप |
सेशेल्स |
रीयूनियन - फ्रांस |
मेडागास्कर |
कॉमर्स - स्पेन |
मालदीव - पुर्तगाल |
श्रीलंका |
हिंद महासागर का क्षेत्रफल कितना है ?
हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है और प्रशांत और अटलांटिक महासागरों के बाद पृथ्वी की सतह का 20% भाग शामिल है। आकार में हिंद महासागर संयुक्त राज्य अमेरिका के आकार के 5.5 गुना के बराबर है। महासागर की सबसे बड़ी चौड़ाई पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के पूर्वी तट के बीच है। 1000 किमी या 620 मीटर है।
हिंद महासागर संयुक्त राज्य अमेरिका के आकार का लगभग छह गुना है और अफ्रीका के दक्षिणी सिरे से ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट तक 9978 किलोमीटर तक फैला है। हिंद महासागर में सबसे गहरा बिंदु जावा ट्रेंच है। जावा ट्रेंच को सुंडा ट्रेंच भी कहा जाता है। जो लगभग 7258 मीटर गहरा है। औसत गहराई लगभग 3890 मीटर है। हिंद महासागर में तेल टैंकर फारस की खाड़ी से दुनिया भर के शिपिंग बंदरगाहों के रास्ते में एक दिन में 17 मिलियन बैरल कच्चा तेल ले जाते हैं।
हिंद महासागर का जलवायु कैसा हैं ?
हिंद महासागर पृथ्वी पर सबसे गर्म महासागर है। पानी की गर्मी जलीय जीवन के विकास को रोकती है और समुद्री जानवरों की मात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। सर्दियों के मौसम में हंपबैक व्हेल ध्रुवों के पास ठंडे पानी से भूमध्य रेखा की ओर यात्रा करती है।
यह अनुमान लगाया गया है कि हर साल 7000 हंपबैक व्हेल प्रजनन के लिए मेडागास्कर के आसपास आती हैं। इस क्षेत्र में मानसून दिसंबर से अप्रैल महीने तक रहता है। जबकि दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से अक्टूबर तक रहती हैं। हिंद महासागर में मई और जून तथा अक्टूबर, नवंबर के दौरान उष्णकटिबंधीय चक्रवात आते है।
हिंद महासागर व्यापार के लिए जरूरी क्यों ?
हिंद महासागर मध्य पूर्व अफ्रीका और पूर्वी एशिया को यूरोप और अमेरिका से जोड़ने वाले प्रमुख समुद्री मार्ग प्रदान करता है। यह फारस की खाड़ी और इंडोनेशिया के तेल क्षेत्रों से पेट्रोलियम का आयात निर्यात करता है।
हिन्द महासागर के रस्ते सीमावर्ती देश मछलियाँ का निर्यात करते हैं। रूस, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे देश मुख्य रूप से झींगा और टूना पकड़ने के लिए हिंद महासागर का दोहन करते हैं।
सऊदी अरब, ईरान, भारत और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्रों में हाइड्रोकार्बन के बड़े भंडार है। दुनिया के समुद्री तेल उत्पादन का 40% भाग हिंद महासागर से आता है। भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड द्वारा हिंदी महासागर में स्थित संसाधन का दोहन किया जा रहा है।
हिंद महासागर में स्थित प्रमुख बंदरगाह
प्रमुख बंदरगाह: चेन्नई, भारत; कोलम्बो, श्रीलंका; डरबन दक्षिण अफ्रीका; जकार्ता, इंडोनेशिया; कोलकाता, भारत; मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया; मुंबई, भारत; रिचर्ड्स बे, दक्षिण अफ्रीका।
महासागर किसे कहते है ?
महासागरों को महाद्वीपों की तुलना में अलग तरह से सीमांकित किया जाता है। गहराई और प्रकाश के स्तर के आधार पर महासागरों को तीन भागों में बांटा गया है। हालांकि कुछ समुद्री जीव जीने के लिए प्रकाश पर निर्भर करते हैं। अन्य इसके बिना भी रह सकते हैं। सूर्य का प्रकाश सही परिस्थितियों में समुद्र में लगभग 1000 मीटर की गहराई तक पहुंच सकती है।
1. महासागरों के ऊपरी 200 मीटर को सूर्य का प्रकाश क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र में कई समुद्री स्तनधारियों और समुद्री कछुओं का घर है। इस गहराई से परे केवल थोड़ी मात्रा में प्रकाश प्रवेश कर पाती है।
2. 200 मीटर और 1000 मीटर के बीच के क्षेत्र को आमतौर पर ट्वाइलाइट ज़ोन कहा जाता है। इस क्षेत्र में जैसे जैसे गहराई बढ़ती जाती हैं वैसे वैसे प्रकाश की तीव्रता विलुप्त होती जाती है। इस जोन में प्रकाश संश्लेषण संभव नहीं होता है।
3. एफ़ोटिक जोन 1000 मीटर से नीचे समुद्री क्षेत्र को कह जाता है। सूरज की रोशनी इन गहराइयों तक नहीं पहुंच पाती है और क्षेत्र अंधेरे में नहाया हुआ होता है।
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