मेरु पर्वत को सुमेरु, सिनरू, महमेरु के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू, जैन और बौद्ध इन सभी धर्मों के लिए यहां पर्वत महत्वपूर्ण है। और इसे आध्यात्मिक लोगों का केंद्र माना जाता है।
मेरु पर्वत कहाँ है
मेरु पर्वत उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित है। यह हिमालय का एक क्षेत्र है। इसका मार्ग अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हैं। मेरु नाम की उत्पत्ति संस्कृत शब्द से हुई है। इसकी ऊंचाई 21850 फीट हैं। पर्वत को दक्षिणी चोटि, मध्य चोटि और उत्तरी चोटि में बांटा गया है। माउंट किलिमंजारो से लगभग 70 किलोमीटर पश्चिम में 4500 मीटर की दूरी पर माउंट मेरु एक सक्रिय ज्वालामुखी है। कुछ लोग कहते हैं कि मेरु पर्वत बहुत शांत और चढ़ने में कठिन है। यहाँ बहुत से जंगली जीव रहते है।
पहाड़ अरुशा नेशनल पार्क का केंद्रबिंदु है और इसकी उपजाऊ ढलान आसपास के सवाना से काफी ऊपर है और यह पहाड़ ऐसे जंगल का समर्थन करती है जो विविध वन्य जीवों को रहने का आश्रा देता है। यहाँ लगभग 400 पक्षियों की प्रजातियां रहती हैं। बंदर और तेंदुए भी यहाँ पाए जाते हैं।
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