हिंदू धर्म किसे कहते हैं
हिंदू धर्म को सनातन धर्म कहा जाता हैं। इसका अर्थ होता है की यह सभी मानव के लिए है। विद्वान हिंदू धर्म को विविध भारतीय संस्कृतियों और परंपराओंका संयोजन मानते हैं। यह सत्य भी है क्योकि क्षेत्र के आधार पर मान्यता में भी परिवर्तन देखा जा सकता हैं।
जिसे अब हम हिंदू धर्म कहते हैं यह आदि काल से चली आ रही एक परंपरा है जिसे आधुनिक काल में हिन्दू धर्म के रूप में स्वीकार कर लिया गया है। हिन्दू धर्म में कई देवी देवता है जिन्होंने अधर्मी राक्षशों का वध करके मानव जाती को कष्ट से मुक्ति दिलायी हैं। इसी लिए हिन्दू इनकी पूजा करते है।
हिन्दू धर्म में ग्रंथो और वेदो का बड़ा ही महत्व है। जो हमें अपने जीवन में सफल होने का ज्ञान प्रदान करता है। भगवत गीता को बढ़ने और अपने जीवन में अनुसरण करने से सफलता और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म के प्रमुख सिद्धांत है
धर्म - सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ है जिसमे गीता, महभारत और रामायण है। इनके माध्यम से धर्म और भगवन के जीवन लीला के बारे में लोगो को बताया जाता है।
कर्म - जैसी करनी वैसी भरनी हिन्दू धर्म में कर्म को शेष्ट बताया गया है। कर्म के आधार पर आपका जीवन प्रभावित होता है। और यह सत्य भी है कर्म आपके भविष्य को निर्धारित करता है।
पुनर्जन्म - मनुष्य या किसी भी जिव का अंत के बाद इसी संसार में फिर से जन्म होता है और उसके कर्म के आधार पर अलग अलग योनि प्राप्त होती है। हिन्दू ग्रंथो में ऐसे तथ्य है की अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति फिर से मानव जन्म लेता है।
मोक्षऔर मुक्ति - मोक्ष एक विश्वास जिसमे एक मनुष्य जन्म और मृत्यु से मुक्त होकर देवता बन जाता है। और तब होता है जब मनुष्य सत्य और अच्छे कर्मा करता हैं।
हिंदू धर्म का इतिहास
हिन्दू धर्म का इतिहास सदियों पुराण है इनके प्रमाण हमें चित्रों में जड़ें हैं मेसोलिथिक साइटों से मिली हैं। एक धर्म के रूप में हिंदू धर्म का विकास 500 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी के बीच वैदिक काल के बाद से माना जाता है।
हिंदू धर्म के विस्तार में दर्शन शास्त्र का योगदान महत्वूर्ण है। हिन्दू धर्म, संस्कार, ज्योतिष विज्ञान, ग्रंथों और पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा से जुड़ा हुआ है। हिन्दू धर्म के ग्रंथ में पुराण, वैदिक यज्ञ, योग, कृषि अनुष्ठान, और मंदिर निर्माण आदि का विविरण है। प्रमुख ग्रंथों में वेद और उपनिषद, भगवद गीता और आगम शामिल हैं।
हिन्दूधर्म में मानव जीवन के लिए 4 उद्देश्य बताये गए हैं धर्म, समृद्धि, काम,और मोक्ष। हिंदू रीति-रिवाजों में पूजा, भजन के साथ वार्षिक उत्सव और तीर्थ यात्राएं शामिल होते हैं। कुछ हिंदू मोक्ष को प्राप्त करने के लिए सभी को छोड़ कर संन्यासी बन जाते हैं।
सनातन धर्म दूसरों के बीच में ईमानदारी, अहिंसा, धैर्य, संयम और करुणा जैसे शाश्वत कर्तव्यों को बढ़ता देता है। हिंदू धर्म के चार सबसे बड़े संप्रदाय वैष्णव, शैव, शाक्त और स्मार्त हैं।
- वैष्णव - भगवान विष्णु को मानने वाले को वैष्णव कहा जाता हैं।
- शैव - भगवान शिव की आराधना करने वालो को शैव कहा जाता हैं।
- शाक्त - देवी की पूजा अर्चना करने वालो को शाक्त कहा जाता है।
- स्मार्त - वे लोग जो सभी देवी देवताओ को मानते है उन्हें स्मार्त कहा जाता हैं।
लगभग 1.15 बिलियनहिन्दुओ के साथ यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। जो वैश्विक आबादी का 15-16% है।
हिंदू शब्द की उत्पत्ति
हिन्दू शब्द इंडो-आर्यन भाषा संस्कृत शब्द सिंधु से लिया गया है। जो कि सिंधु नदी का संस्कृत नाम है भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है।
गेविन फ्लड के अनुसार, हिंदू शब्द का इस्तेमाल फारसियों द्वारा सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए किया गया था। डारियस का शिलालेख जो लगभग 550-486 ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया था। हिंदू को सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों संदर्भित करता है।
इन अभिलेखों के अनुशार उस समय हिंदू धर्म को परंपरा के रूप में माना जाता था। सबसे पहला रिकॉर्ड जो हिंदू को धर्म के रूप में संदर्भित करता है, वह 7 वीं शताब्दी और 14 वीं शताब्दी का फ़ारसी पाठ फुतुहु-सलातिन है।
प्राचीन ग्रंथो में हिंदी हरम के लिए सनातन शब्द का प्रयोग किया जाता था। जो मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाता है। इन ग्रंथो में शिक्षा, विज्ञान और उपचार का ज्ञान प्रदान करती है। संस्कृत भाषा दुनिया की प्राचीन भाषाओ में से है। यह भाषा हिन्दू ग्रंथो का सार है।
बाद में हिंदू शब्द का उपयोग कुछ संस्कृत ग्रंथों में किया गया जैसे 16 से 18 वीं शताब्दी के बंगाली गौड़ीय वैष्णव ग्रंथों में। फिर 18 वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय व्यापारियों ने भारतीय धर्मों के अनुयायियों को हिंदू कहना शुरू कर दिया। हिंदू धर्म शब्द, जिसके बाद हिंदुत्व का प्रसार किया गया। 18 वीं शताब्दी में हिन्दू धर्म को अंग्रेजी भाषा में पेश किया गया। जो भारत के मूल धार्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाता है।
हिंदू धर्म के भगवान
हिंदू धर्म विविधतापूर्ण है और हिंदू धर्म में कई भगवान को मानने की परंपरा है। लेकिन धर्म ग्रंथो में तीन भगवन को श्रेस्ट मनाया गया है और सभी इन्ही के अवतार मने जाते है। भगवन ब्रम्हा, विष्णु और महेश जिसे शिव भी कहा जाता है।
लोग अपनी आस्था के अनुशार किसी एक भगवन का अनुशरण करते है। या सभी भगवन को एक मानकर पूजा करते है। इसीलिए कभी-कभी हिंदू धर्म को हेंथिस्टिक कहा जाता है। अर्थात, दूसरों के अस्तित्व को स्वीकार करते हुए एक ही ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना।
हिंदू धर्म में देवी और देवता
- लक्ष्मी
- दुर्गा
- सरस्वती
- गणेश
- राम
इनके अलावा और भी भी देवी देवता है। जो किन्ही भगवन का अवतार होता है। हिन्दू धर्म कई देवता है लेकिन सभी पाप या अधर्म के प्रति हमें लड़ने को प्रेरित करते है। दुसरो की मदद और साहनीभूति सिखाता है।
हिंदू धर्म के त्योहार
हिन्दू धर्म में कई पर्व और त्यौहार मनाये जाते है। मई आपको मुख्य त्यौहार के बारे में बताता हूँ। हमने त्यौहार पर पोस्ट लिखा है उसे आप चेक कर सकते है। उसमे पूरी जानकारी दी गयी है।
भारत में मुख्य रूप से दिवाली, दशहरा, होली और दुर्गापूजा गणेश चतुर्थी मनाया जता है। इसके अलावा और भी त्यौहार हिन्दू धर्म में मनाया जाता है। त्यौहार को मानाने के पीछे अलग अलग कहानिया है। और सभी त्यौहार पूर्णिमा या अमावश्या के दिनों में मनाया जाता है।
होली - हिरणकश्यपु नामक राजा की बहन जिसका नाम होलिका नाम था। उसे अग्नि में न जलने का वरदान मिला था इसी का फायदा लेने के लिए भक्त प्रहलद हिरण्यकश्यपु के पुत्र को मरने के लिए होलिका को बुलाया गया और आग में होलिका पहलाद को लेकर बैठ गयी। लेकिन निर्दोष प्रहलाद बच गया और होलिका जल गयी। इसी दिन से होली का त्यौहार मनाया जाता है।
इसमें रंग और गुलाल को के ऊपर लगाया जाता है। और प्रेम और आनंद से त्यौहार को मनाया जाता है। साथ ही नाच गाना का आयोजन किया है। पारम्परिक रूप से कई स्थानों पर होली के गीत गए जाते है।
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