जन्माष्टमी पर निबंध - Janmashtami Essay in Hindi

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श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को हुआ था। द्वापर युग में जन्मे कृष्ण की लीला बहुत ही नटखट और ज्ञान से भरी हैं। 

बालपन में माखन चोरी से लेकर महाभारत में गीता उपदेश तक उनका जीवन सामान्य नहीं था। उनका जन्म लगभग 5,200 साल पहले का माना जाता हैं। श्री कृष्ण भगवन विष्णु के अवतार थे। जिनका जन्म पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करने के लिए हुआ था।

जन्माष्टमी पर निबंध

श्री कृष्ण के जन्म दिन को जन्माष्टमी के रूप में पूरी दिनया में मनाया जाता हैं। यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाते हैं। भगवान श्री कृष्ण का जन्म 12 बजे रात को कारागार में हुआ था। कृष्ण के पिता वासुदेव और उनकी माता का नाम देवकी था।

मथुरा के राजा अग्रसेन का पुत्र कंस और पुत्री का नाम देवकी था। कंस एक अत्याचारी था। लेकिन अपनी बहन से बहुत प्रेम करता था। देवकी को शादी वासुदेव के साथ हुआ। जब कंस अपनी बहन देवकी को ससुराल छोड़ने जा रहा था। तभी आकाशवाणी हुई की देवकी का आठवां पुत्र तुम्हारा काल होगा। 

कंस बहुत क्रोधित हो गया और अपनी बहन देवकी और वासुदेव को कारावास में बंद कर दिया और खुद राजा बन गया। समय के साथ देवकी और वसुदेव के 7 पुत्र को कंस ने कारावास में ही मर दिया। आठवें पुत्र के रूप में भगवान विष्णु ने जन्म लिया पूरा कारावास निद्रा में चला गया। 

वासुदेव की बेदिया खुल गई और सभी दरवाजे खुल गए। वासुदेव ने कृष्ण की रक्षा के लिए अपने मित्र नंद के पास ले गया। श्रीकृष्ण की परवरिश गोकुल में हुआ था।

श्रीकृष्ण को माखन खाने का बहुत शौक था। उसके कारण वह हमेशा अपनी माँ की रसोई से चोरी करता था। इसलिए उनका नाम 'नटखट नंद लाल' भी हैं। श्रीकृष्ण काले रंग के थे। इसलिए उन्हें श्याम के नाम से भी जाना जाता हैं।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है

भारत के आलावा अन्य कई देशो में जन्माष्टमी मनाया जाता हैं। लोग उपवास रखते हैं और शाम को फलाहार कर व्रत तोड़ते हैं। भगवन श्री कृष्ण की पूजा की जाती हैं। माखन और मिठाई का भोग लगाया जाता हैं। अधिकतर माता पिता अपने बच्चे को कृष्ण की तरह सजाते हैं। यह त्यौहार छोटे बच्चो को अधिक प्रिय हैं। क्योकि इस दिन कई खेल का आयोजन किया जाता हैं। जिसमे मुख्य मटकी तोड़ सबसे लोकप्रिय हैं।

जन्माष्टमी पर निबंध - Janmashtami Essay in Hindi

आसमान में माखन से भरे मटकी को लटकाया जाता हैं। जिसे बाल गोविन्द द्वारा तोडा जाता हैं। यह एक प्रयोगिता हैं। जिसमे कई लोग भाग लेते हैं। सभी को समान अवसर दिए जाते हैं। 

चूंकि मटकी बहुत अधिक उची होती है, इसलिए उन्हें एक लंबा पिरामिड बनाकर तोड़ना होता हैं। कई लोगों को खेल में भाग लेना पड़ता है। इसके अलावा, अन्य टीमें भी होती हैं जो उन्हें मटकी तोड़ने से रोकती हैं। प्रत्येक टीम को एक विशेष समय अवधि के लिए मौका मिलता है। अगर टीम समय रहते ऐसा नहीं कर पाती है तो दूसरी टीम कोशिश करती है।

लोग अपने घरों को बाहर से रोशनी से सजाते हैं और मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठान किये जाते हैं। परिणामस्वरूप, हम पूरे दिन घंटियों और मंत्रों की आवाज सुनते हैं। लोग विभिन्न धार्मिक गीतों पर नृत्य करते हैं। यह हिंदू धर्म का सबसे सुखद त्योहारों में से एक है।

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