मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय - premchand in hindi

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मुंशी प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव  (31 July 1880 - 8 October 1936) जिन्हें उनके पेन नाम (उपनाम) मुंशी प्रेमचंद से अधिक जाना जाता है, एक भारतीय लेखक थे। वे आधुनिक भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं, और उन्हें बीसवीं शताब्दी के आरंभिक हिंदी लेखकों में से एक माना जाता है। 

उनके उपन्यासों में गोदान, कर्मभूमि, गबन, मानसरोवर आदि प्रतिष्ठित लेख  शामिल हैं। 1907 में सोज़-ए वतन नामक एक पुस्तक में अपने पांच लघु कहानियों का पहला संग्रह प्रकाशित किया।

उन्होंने पेन  नाम (उपनाम) "नवाब राय" के तहत लिखना शुरू किया, लेकिन बाद में "प्रेमचंद" में बदल गए, मुंशी एक मानद उपसर्ग है। एक उपन्यास लेखक, कहानीकार और नाटककार, उन्हें लेखकों द्वारा "उपनिषद सम्राट" ("उपन्यासकारों के बीच सम्राट") के रूप में संदर्भित किया गया है।

उन्होंने एक दर्जन से अधिक उपन्यास, लगभग 300 लघु कथाएँ, कई निबंध और कई विदेशी साहित्यिक कृतियों का हिंदी में अनुवाद किया हैं।

मुंशी प्रेमचंद का जन्म

मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी (बनारस) के पास स्थित लमही में हुआ था और उनका नाम धनपत राय ("धन का स्वामी") रखा गया था। उनके पूर्वज एक बड़े कायस्थ परिवार से आते थे, जिसके पास आठ से नौ बीघा जमीन थी। 

उनके दादा, गुरु सहाय राय एक पटवारी थे, और उनके पिता अजायब लाल एक पोस्ट ऑफिस क्लर्क थे। उनकी माँ करौनी गाँव की आनंदी देवी थीं। 

धनपत राय अजायब लाल और आनंदी की चौथी संतान थे। उनके चाचा, महाबीर (अमीर ज़मींदार) ने उन्हें "नवाब" उपनाम दिया। "नवाब राय" धनपत राय द्वारा चुना गया पहला उपनाम था। 

जब वह 7 साल का था, तो धनपत राय ने लमही के पास स्थित लालपुर के एक मदरसे में अपनी शिक्षा शुरू की। उन्होंने मदरसे में एक मौलवी से उर्दू और फ़ारसी सीखी। जब वह 8 वर्ष के थे, तब उनकी माँ का बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी दादी, जिन्होंने उन्हें पालने का जिम्मा लिया था, उनकी भी जल्द ही मृत्यु हो गई।

प्रेमचंद अलग-थलग महसूस करने लगे थे, क्योंकि उनकी बड़ी बहन की शादी पहले ही हो चुकी थी, और उनके पिता हमेशा काम में व्यस्त रहते थे। उनके पिता, जो अब गोरखपुर में तैनात थे, वे पुनर्विवाह किया, लेकिन प्रेमचंद को अपनी सौतेली माँ से बहुत कम स्नेह मिला। सौतेली माँ बाद में प्रेमचंद की रचनाओं में एक आवर्ती विषय बन गई। 

मुंशी प्रेमचंद भाषा शैली

प्रेमचंद को पहला हिंदी लेखक माना जाता है जिनके लेखन में यथार्थवाद प्रमुखता से था। उनके उपन्यासों में गरीबों और शहरी मध्यवर्ग की समस्याओं का वर्णन है। उनके काम एक तर्कसंगत दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जो धार्मिक मूल्यों को कुछ ऐसा मानते हैं जो शक्तिशाली पाखंडियों को कमजोर लोगों का शोषण करने की अनुमति देता है। 

उन्होंने राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से साहित्य का इस्तेमाल किया और अक्सर भ्रष्टाचार, बाल विधवा, वेश्यावृत्ति, सामंती व्यवस्था, गरीबी, उपनिवेशवाद और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित विषयों के बारे में लिखा। 

प्रेमचंद ने 1900 के दशक के उत्तरार्ध में कानपुर में रहते हुए राजनीतिक मामलों में रुचि लेना शुरू किया, और यह उनके शुरुआती कार्यों में परिलक्षित होता है। उनके राजनीतिक विचार शुरू में उदारवादी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता गोपाल कृष्ण गोखले से प्रभावित थे, लेकिन बाद में, वे अधिक उग्रवादी बाल गंगाधर तिलक की ओर चले गए। 

मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय - premchand in hindi
मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय 

मुंशी प्रेमचंद की कहानी लिस्ट 

  • 1. अन्धेर
  • 2. अनाथ लड़की
  • 3. अपनी करनी
  • 4. अमृत
  • 5. अलग्योझा
  • 6. आख़िरी तोहफ़ा
  • 7. आखिरी मंजिल
  • 8. आत्म-संगीत
  • 9. आत्माराम
  • 10. दो बैलों की कथा
  • 11. आल्हा
  • 12. इज्जत का खून
  • 13. इस्तीफा
  • 14. ईदगाह
  • 15. ईश्वरीय न्याय
  • 16. उद्धार
  • 17. एक ऑंच की कसर
  • 18. एक्ट्रेस
  • 19. कप्तान साहब
  • 20. कर्मों का फल
  • 21. क्रिकेट मैच
  • 22. कवच
  • 23. क़ातिल
  • 24. कोई दुख न हो तो बकरी खरीद ला
  • 25. कौशल़
  • 26. खुदी
  • 27. गैरत की कटार
  • 28. गुल्‍ली डण्डा
  • 29. घमण्ड का पुतला
  • 30. ज्‍योति
  • 31. जेल
  • 32. जुलूस
  • 33. झांकी
  • 34. ठाकुर का कुआं
  • 35. तेंतर
  • 36. त्रिया-चरित्र
  • 37. तांगेवाले की बड़
  • 38. तिरसूल
  • 39. दण्ड
  • 40. दुर्गा का मन्दिर
  • 41. देवी
  • 42. देवी - एक और कहानी
  • 43. दूसरी शादी
  • 44. दिल की रानी
  • 45. दो सखियाँ
  • 46. धिक्कार
  • 47 धिक्कार - एक और कहानी
  • 48. नेउर
  • 49. नेकी
  • 50. नब़ी का नीति-निर्वाह
  • 51. नरक का मार्ग
  • 52. नैराश्य
  • 53. नैराश्य लीला
  • 54. नशा
  • 55. नसीहतों का दफ्तर
  • 56. नाग-पूजा
  • 57. नादान दोस्त
  • 58. निर्वासन
  • 59. पंच परमेश्वर
  • 60. पत्नी से पति
  • 61. पुत्र-प्रेम
  • 62. पैपुजी
  • 63. प्रतिशोध
  • 64. प्रेम-सूत्र
  • 65. पर्वत-यात्रा
  • 66. प्रायश्चित
  • 67. परीक्षा
  • 68. पूस की रात
  • 69. बैंक का दिवाला
  • 70. बेटोंवाली विधवा
  • 71. बड़े घर की बेटी
  • 72. बड़े बाबू
  • 73. बड़े भाई साहब
  • 74. बन्द दरवाजा
  • 75. बाँका जमींदार
  • 76. बोहनी
  • 77. मैकू
  • 78. मन्त्र
  • 79. मन्दिर और मस्जिद
  • 80. मनावन
  • 81. मुबारक बीमारी
  • 82. ममता
  • 83. माँ
  • 84. माता का ह्रदय
  • 85. मिलाप
  • 86. मोटेराम जी शास्त्री
  • 87. र्स्वग की देवी
  • 88. राजहठ
  • 89. राष्ट्र का सेवक
  • 90. लैला
  • 91. वफ़ा का ख़जर
  • 92. वासना की कड़ियॉँ
  • 93. विजय
  • 94. विश्वास
  • 95. शंखनाद
  • 96. शूद्र
  • 97. शराब की दुकान
  • 98. शान्ति
  • 99. शादी की वजह
  • 100. शान्ति
  • 101. स्त्री और पुरूष
  • 102. स्वर्ग की देवी
  • 103. स्वांग
  • 104. सभ्यता का रहस्य
  • 105. समर यात्रा
  • 106. समस्या
  • 107. सैलानी बन्दर
  • 108. स्‍वामिनी
  • 109. सिर्फ एक आवाज
  • 110. सोहाग का शव
  • 111. सौत
  • 112. होली की छुट्टी
  • 113.नम क का दरोगा
  • 114.गृह-दाह
  • 115.सवा सेर गेहुँ नमक का दरोगा
  • 116.दुध का दाम
  • 117.मुक्तिधन
  • 118.कफ़न

मुंशी प्रेमचंद की उपन्यास लिस्ट 

  1. निर्मला 
  2. कायाकल्प 
  3. अहंकार 
  4. प्रतिज्ञा 
  5. गबन 
  6. कर्मभूमि 
  7. गोदान 
  8. मंगलसूत्र 
  9. रंगभूमि
  10. प्रेमाश्रम 
  11. सेवासदन
  12. रूठी रानी
  13. किशना
  14. हमखुर्मा व हमसवाब (उर्दू)
  15. असरारे मआबिद (उर्दू)
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