तिब्बत का इतिहास क्या है - History of tibet

तिब्बत भारत के उत्तर में पठार पर स्थित है। जो लगभग 47 हजार वर्ग मील में फैला हुआ हैं। यहाँ तिब्बती लोगों के अलावा कुछ अन्य जातीय समूह मोनपा, तमांग, कियांग और शेरपा रहते है। 1951 के पहले तिब्बत एक स्वतंत्र देश हुआ करता था। 

लेकिन 1951 में तिब्बत पर चीन ने कब्जा कर लिया तब से यह चीन के क्षेत्र में आता हैं। कब्जे के बाद उस समय के तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा भारत चले गए। जो आज भी उत्तराखंड के धर्मशाला में रहते हैं।

तिब्बत की राजधानी

तिब्बत की राजधानी ल्हासा हैं। यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर होने के साथ साथ बौद्ध के लिए एक पवित्र स्थान हैं। तिब्बत पृथ्वी का सबसे ऊँचा क्षेत्र है। जिसकी औसत ऊँचाई 4380 मीटर है। यह शहर 17वीं सदी से तिब्बत की धार्मिक और राजनैतिक राजधानी रही है। ल्हासा में पोटाला पैलेस , जोखांग मंदिर और नोरबुलिंग्का पैलेस जैसे कई सांस्कृतिक महत्व रखने वाली स्थल हैं।

तिब्बत का इतिहास 

तिब्बत का एक बहुत लंबा इतिहास है। जिसके बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते हैं। वास्तव में आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बौद्ध धर्म से पहले तिब्बतियों का मूल धर्म बॉन था। तिब्बती साम्राज्य 7 वीं से 9 वीं शताब्दी तक अस्तित्व में था। तिब्बती साम्राज्य को टुबो के नाम से जाना जाता था।

तिब्बती साम्राज्य वर्तमान तारिम बेसिन से लेकर बंगाल, युन्नान तथा आधुनिक चीनी प्रांतों तक फैला हुआ था। तांग सम्राट को हराकर तिब्बति राजा ने राजकुमारी वेनचेंग के साथ अपने बेटे की शादी की थी।

परंपरागत रूप से यह माना जाता है कि तिब्बत में बौद्ध धर्म भारत के व्यापारियों द्वारा आया हैं, जिन्होंने तिब्बत के माध्यम से चीन में धर्म का सफलतापूर्वक प्रसार किया हैं।

आरंभिक इतिहास

मनुष्य कम से कम 21 हजार साल पहले तिब्बती पठार में बसने के लिए आये थे। कुछ समय बाद उत्तरी चीन के नियोलिथिक लोग यहाँ आकर बस गए। पुरापाषाण निवासियों और अभी के तिब्बती लोगों के बीच आनुवंशिक निरंतरता है।

तिब्बत का इतिहास - History of tibet

सबसे पुराने ऐतिहासिक ग्रंथ झांग झुंग में कहा गया हैं की सबसे पहले तिब्बती अम्दो क्षेत्र में निवास करते थे।

तिब्बती साम्राज्य

तिब्बती साम्राज्य का इतिहास सम्राट सोंगत्सेन गम्पो के शासन से शुरू होता है। जिन्होंने यारलुंग नदी घाटी के कुछ हिस्सों को एकजुट किया और तिब्बती साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने अपने शासन में कई सुधार लाया जिससे तिब्बती शक्ति तेजी से फैल गई। जिससे एक विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य का निर्माण हुआ।

पारंपरिक रूप से यह माना जाता है कि उनकी पहली पत्नी नेपाल की राजकुमारी भृकुटी थीं। उन्होंने तिब्बत में बौद्ध धर्म की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आने वाले कुछ तिब्बती राजाओं ने बौद्ध धर्म को राज धर्म के रूप में स्थापित किया और मध्य एशिया के बड़े क्षेत्रों में तिब्बती शक्ति और भी बढ़ गई। 763 ईस्वी के अंत तक तिब्बती साम्राज्य का प्रभाव चीन के राजधानी चांगान (शीआन) तक पहुंच गई थी।

हालांकि चांगान पर कब्जा केवल पंद्रह दिनों तक रहा जिसके बाद तिब्बती साम्राज्य तांग और उसके सहयोगी तुर्किक उइघुर खगनाटे से हार गए।

कुछ समय के बाद साम्राज्य के पतन के साथ यह विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित हो गया। पश्चिमी और मध्य तिब्बत का बड़ा हिस्सा ल्हासा तिब्बती सरकारों का केंद्र हुआ करता था। अब इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को सिचुआन और किंघई राज्य में शामिल कर लिया गया हैं।

तिब्बत की स्थापना 18 वीं शताब्दी में हुई थीं। चीन ने 1913 के बाद तिब्बत के पश्चिमी भाग पर अधिकार कर लिया। लेकिन 1951 चामडो की लड़ाई के बाद चीन ने तिब्बत पर पूर्ण कब्जा कर अपने देश में शामिल कर लिया। 

तिब्बती सरकार को 1959 में विद्रोह के बाद समाप्त कर दिया गया। वर्तमान में तिब्बत के पूर्वी क्षेत्र को सिचुआन, किंघई और अन्य पड़ोसी प्रांतों के भीतर सामील कर दिया गया हैं।

तिब्बती भाषा

भाषा के जानकर तिब्बती भाषा को चीन-तिब्बती भाषा परिवार के रूप में वर्गीकृत करते हैं। तिब्बती भाषा एशिया की प्रमुख भाषाओं जैसे बर्मी से अधिक मिलता जुलता है। इन दोनों भाषा को हिमालयी क्षेत्र में बोली जाती है।

तिब्बती भाषा तिब्बत, भूटान, नेपाल और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी बोली जाती है। लगभग 15 लाख लोगों द्वारा तिब्बती भाषा बोली जाती है। जो आधुनिक तिब्बत से भारत और अन्य देशों में चले गए हैं।

यह शायद तिब्बती साम्राज्य का ही प्रभाव हैं जिसके आज भी लाखो लोग तिब्बती भाषा को गले लगा लिया हैं। जो पश्चिम में उत्तरी पाकिस्तान से लेकर पूर्व में युन्नान और सिचुआन तक बोली जाती है। तिब्बती भाषा को लद्दाखी और ज़ोंगखा लिपि में लिखी जाती है। जो प्राचीन ब्राह्मी लिपि से विकसित हुआ है।

Q&A - अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

तिब्बत एक देश है या चीन का हिस्सा?

यह क्षेत्र तिब्बत के पठार में फैला हैं जिसे दुनिया की छत के रूप में जाना जाता है। 1951 के आक्रमण के बाद से तिब्बत चीन के अधिकार में है। यह पहले कभी एक स्वतंत्र देश हुआ करता था। यह बौद्ध धर्म के मानाने वाले अधिक रहते हैं। 

तिब्बत को कौन नियंत्रित करता है?

चीन का दावा है कि तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है। निर्वासित तिब्बती सरकार का कहना है कि तिब्बत एक स्वतंत्र देश है जिस पर चीन गैर-कानूनी रूप से कब्जा किया हुआ है। 

क्या ल्हासा तिब्बत की राजधानी है?

तिब्बती बौद्ध ल्हासा को एक पवित्र भूमि मानते हैं और यह तिब्बत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है। 9वीं शताब्दी तक ल्हासा को तिब्बत की राजधानी के रूप में नामित किया गया था।

दलाई लामा अब कहाँ हैं?

1959 से हिमाचल प्रदेश के एक धर्मशाला में दलाई लामा रहते हैं। जब चीनी सैनिकों द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह के क्रूर दमन के बाद उन्हें भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

क्या तिब्बत एक देश हुआ करता था?

तिब्बत पर 1951 में चीन द्वारा आक्रमण करने से पूर्व तिब्बत एक स्वतंत्र देश था। कुछ पश्चिमी विद्वान यह भी मानते हैं कि तिब्बत 1912 से 1950 तक स्वतंत्र देश था। हालांकि इसे अत्यंत सीमित अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुयी थी।

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