वचन किसे कहते है - हिंदी व्याकरण

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वचन का अर्थ "संख्या" है, और इसका उपयोग भाषा में संख्या की दृष्टि से किया जाता है। हिंदी व्याकरण में, वचन दो प्रकार के होते हैं - एकवचन और बहुवचन। वचन का उपयोग हिंदी भाषा में सही संख्या की स्पष्टता के लिए होता है।

वचन किसे कहते है

संस्कृत भाषा में, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि की संख्या को दर्शाने वाले शब्द को वचन कहते है। जब हम किसी शब्द को एक ही व्यक्ति या वस्तु को सूचित करने के लिए प्रयोग करते हैं, तो उसे एकवचन कहते हैं, और जब वह शब्द एक से अधिक व्यक्ति या वस्तु को सूचित करते हैं, तो उसे बहुवचन कहते हैं।

उदाहरण के लिए -

1. एकवचन

गुलाब - गुलाब खिला है।
किताब - मैंने एक किताब पढ़ी है।

2. बहुवचन

गुलाब - गुलाब खिले हैं।
किताब - हमने कई किताबें खरीदीं हैं।

3. एकवचन

कुत्ता - वहाँ एक कुत्ता भोंक रहा है।
घड़ी - उनके एक सोने की घड़ी है।

4. बहुवचन

कुत्ता - उनके घर में कई कुत्ते हैं।
घड़ी - उनके पास कई घड़ियां हैं।

5. एकवचन

कमरा - वहाँ एक कमरा खाली है।
फूल - एक फूल बहुत सुंदर है।

6. बहुवचन

कमरा - हमारे घर में कई कमरे हैं।
फूल - बगीचे में कई फूल खिले हैं।

7. एकवचन

स्कूल - स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
कुर्सी - यहाँ एक कुर्सी खाली है।

8. बहुवचन

स्कूल - हमारे शहर में कई स्कूल हैं।
कुर्सी - इस कक्ष में कई कुर्सियां हैं।

9. एकवचन

गाड़ी - उसकी गाड़ी बहुत तेज़ है।
पेन - मेरे पास एक पेन है।

10. बहुवचन

गाड़ी - उनके पास कई गाड़ियां हैं।
पेन - उनके बच्चों के पास कई पेन हैं।

वचन किसे कहते है - हिंदी व्याकरण

वचन का प्रयोग भाषा की सुधार और सुव्यवस्था के लिए किया जाता है, जिससे सुनने वाला या पढ़ने वाला व्यक्ति सही से समझ सके कि शब्द किस संख्या में हैं।

परिभाषा - संज्ञा के जिस रूप से संख्या का बोध होता है उसे हिंदी में वचन कहते हैं अथार्त संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का पता चले वचन हैं।

    वचन के प्रकार

    वचन दो प्रकार के होते है एक वचन और बहुवचन

    1 एकवचन - किसी शब्द से एक ही वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे-लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी बंदर, मोर आदि।

    2 बहुवचन -  शब्द में एक से अधिक संख्या का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़के, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, स्त्रियाँ, लताएँ, बेटे आदि।

    बहुवचन बनाने के लिए नियम

    आकारांत पुलिंग शब्दों के अंत में ' ए ' लगाकर एक वचन को बहुवचन बनाया जा सकता हैं। अकारान्त शब्द वे शब्द होते हैं जिसके अंत में ' अ ' आता है। जैसे - लड़का, घोड़ा, बेटा, कक्षा, बालिका, गधा आदि।

    शब्द बहुवचन
    लड़का लड़के
    घोडा घोड़े
    बेटा बेटे
    गधा गधे

    जिन शब्दों के अन्त में ' आ ' ध्वनि सुनाई देती है उसे आकारान्त शब्द होते हैं। जैसे बात, लता, आँख, पुस्तक इत्यादि। आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ' एँ ' लगाकर बहुवचन बनाया जाता हैं।

    शब्द बहुवचन
    लता लताएं
    बात बातें
    आँख आंखें
    पुस्तक पुस्तकें

    इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में या लगा देते हैं। जैसे : जाति - जातियाँ, नदी - नदियाँ, लड़की - लड़कियाँ।

    स्त्रीलिंग में अंतिम उ, ऊ में ए जोड़कर दीर्घ ऊ का हस्व हो जाता है। जैसे : वस्तु - वस्तुएँ, बहु - बहुएँ।

    कुछ शब्दों में गण, जन आदि शब्द लगाकर बहुवचन बनाया जाता है। जैसे : नेता - नेतागण, सुधी - सुधिजन।

    नोट - कुछ शब्द दोनों वचनों में एक जैसे होते हैं। जैसे - क्षमा, जल, प्रेम, गिरि, पिता, चाचा, मित्र, फल, बाजार, फूल, दादा, राजा, विद्यार्थी आदि।

    बहुवचन शब्द - 

    एकवचन  बहुवचन 
    बहन  बहनें
    सड़क  सड़के
    गाय  गायें
    बात  बातें
    कौआ  कौए
    गधा  गधे
    केला  केले
    बेटा  बेटे
    कविता  कविताएँ
    लता  लताएँ
    कली  कलियाँ
    नीति  नीतियाँ
    कॉपी  कॉपियाँ
    लड़की  लड़कियाँ
    थाली  थालियाँ
    नारी  नारियाँ
    गौ  गौएँ
    बहू  बहूएँ
    वधू  वधुएँ
    वस्तु  वस्तुएँ
    धातु  धातुएँ
    मित्र  मित्रवर्ग
    विद्यार्थी  विद्यार्थीगण
    सेना  सेनादल
    गुरु  गुरुजन
    श्रोता  श्रोताजन
    पत्ता  पत्ते
    बेटा  बेटे
    लड़का  लड़के
    किताब किताबें
    गाड़ी गाड़ियाँ
    कुत्ता कुत्ते
    बच्चा बच्चे
    गाना गाने
    कमरा कमरे
    गाय गाएं
    दुकान दुकानें
    पुस्तक पुस्तकें
    बच्ची बच्चियाँ
    बुढ़ा बुढ़े
    नदी नदियाँ
    सितारा सितारे
    बाग बागें
    पौधा पौधे
    सफलता सफलताएँ
    रात रातें
    चाय चायें
    बैंक बैंकें
    बिस्तर बिस्तरें
    तारीख तारीखें
    मिठाई मिठाईयाँ

    कुछ एक वचन जो बहुवचन में परिवर्तित नहीं होते
    एकवचन बहुवचन
    स्कूल स्कूल
    फूल फूल
    बाल बाल
    फल फल
    समय समय
    शहर शहर
    दोस्त दोस्त
    बच्चन बच्चन
    शिक्षक शिक्षक
    विद्यालय विद्यालय
    देश देश
    दिन दिन
    समाचार समाचार
    विश्व विश्व
    जादू जादू
    रंग रंग
    स्वास्थ्य स्वास्थ्य
    बुझुर्ग बुझुर्ग
    रोज़ रोज़
    समुद्र समुद्र
    Rajesh patel
    नमस्कार मेरा नाम राजेश है। मैं इस वेबसाईट के मध्यम से जो मेरे पास थोड़ी जानकारी है। उसे लोगो तक शेयर करता हूं।
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