त्रिपुरा की राजधानी - capital of tripura in hindi

त्रिपुरा भारत का एक राज्य है। इसका कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है। जहाँ 3 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। त्रिपुरा देश का तीसरा सबसे छोटा राज्य हैं। इसकी सीमा असम, मिजोरम और बांग्लादेश से लगती है। त्रिपुरा की अधिकतर आबादी बंगाली भाषी है। बंगाली और अंग्रेजी राज्य की दो आधिकारिक भाषाएँ हैं।

त्रिपुरा की राजधानी

अगरतला त्रिपुरा की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह शहर हाओरा नदी के तट पर पर स्थित है। अगरतला पूर्वोत्तर भारत की तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।

आधुनिक त्रिपुरा का क्षेत्र पहले माणिक्य राजवंश का हिस्सा था। बाद में यह ब्रिटिश राज के दौरान एक रियासत बन गया। 1949 में त्रिपुरा को एक शासित प्रदेश के रूप में स्थापित किया हैं। सन 1972 में त्रिपुता को एक पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

त्रिपुरा का भूगोल

त्रिपुरा भारत की सेवन सिस्टर राज्यों में से एक हैं। असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा को सेवन सिस्टर राज्यों के रूप में जाना जाता है। त्रिपुरा 10,491 वर्ग किमी में फैला हैं। जो गोवा और सिक्किम के बाद देश का तीसरा सबसे छोटा राज्य है।

राज्य का उत्तर से दक्षिण तक अधिकतम लंबाई 178 किमी है, जबकि  पूर्व से पश्चिम तक 131 किमी हैं। त्रिपुरा की सीमा पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बांग्लादेश देश से लगती है। जबकि उत्तर पूर्व में असम और पूर्व में मिजोरम से लगती हैं।

राज्य में पहाड़ी श्रृंखलाएँ, घाटियाँ और मैदान स्थित हैं। राज्य में उत्तर से दक्षिण तक पहाड़ियों की पांच श्रेणियां हैं। पूरे राज्य में फैली अलग-अलग पहाड़ियों को टिल्ला के नाम से जाना जाता है। उपजाऊ जलोढ़ घाटियों जो ज्यादातर पश्चिम में मौजूद हैं उसे  लुंगास के नाम से जाना जाता हैं। 

कई नदियाँ त्रिपुरा की पहाड़ियों से निकलती हैं और बांग्लादेश में बहती हैं। खोवाई, धलाई, मनु, जुरी, लोंगई, गुमटी और मुहुरी राज्य की प्रमुख नदियाँ हैं।

त्रिपुरा की संस्कृति

त्रिपुरा में विविध भाषा और जाति के लोग रहते हैं। जिसने एक मिश्रित संस्कृति को जन्म दिया है। त्रिपुरा में देबबर्मा, जमातिया, रियांग, मिज़ो और मुरासिंग जैसे कई स्थानीय जनजाति के लोग रहते हैं।

त्रिपुरा बांस और बेंत हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। बांस और बेंत का उपयोग फर्नीचर, बर्तन,  हाथ पंखे, चटाई, टोकरियाँ, मूर्तियाँ और सजावट के सामान बनाये जाते है।

स्थानीय लोगो द्वारा सरिंदा, चोंगप्रेंग और सुमुई जैसे संगीत वाद्ययंत्र का उपयोग किया जाता हैं। प्रमुख लोग नृत्य गोरिया नृत्य, झूम नृत्य, लेबांग नृत्य, ममिता नृत्य और सुलमानी नृत्य हैं। रियांग समुदाय राज्य की दूसरी सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति जो अपने होजागिरी नृत्य के लिए प्रसिद्ध है।

राज्य के प्रमुख त्योहारों में दुर्गा पूजा, काली पूजा, डोलयात्रा, अशोकाष्टमी और चतुर्दश देवताओं की पूजा हैं। कुछ त्योहार जैसे गंगा पूजा, गरिया पूजा, खर्ची पूजा और केर पूजा किसी किसी स्थानों में मनाया जाता हैं। त्रिपुरा की प्रमुख  ऐतिहासिक स्थलो में उनाकोटि, पिलक और देवतामुरा हैं जहां पत्थर की नक्काशी और चट्टान की मूर्तियों के बड़े संग्रह हैं।

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