आधुनिक कविता की विशेषताएँ
आधुनिक हिन्दी कविता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -
1. यथार्थता
आधुनिक हिन्दी यथार्थ की प्रधानता है। यथार्थानुभूति ने आधुनिक हिन्दी कविता को नवीन चेतना प्रदान की।
2. स्वदेश
प्रेम की भावना - आधुनिक हिन्दी कविता की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें स्वदेश प्रेम की पावन भावना के दर्शन होते हैं ।
3. विभिन्न साहित्यिक वादों का युग
आधुनिक हिन्दी कविता विभिन्न प्रकारों के वादों का भण्डार है। रहस्यवाद, छायावाद, अभिव्यंजनावाद, पलायनवाद, हालावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, ठोस कविता आदि अनेक वादों का उदय इस युग की कविता में दृष्टिगोचर होता है।
4. सामाजिक चेतना
इस युग की कविता में समाज सुधार की भावना प्रचुर मात्रा में दृष्टिगोचर
होती है। भारतेन्दु युग से आज तक की कविता में सामाजिक क्रान्ति के दर्शन होते हैं ।
5. मानवतावादी दृष्टिकोण
मानवतावादी दृष्टिकोण प्रकृति से सम्बन्धित कवियों में विशेष रूप से दृष्टिगोचर होता है।
6. गीति-काव्य का प्राचुर्य
गीतात्मकता आधुनिक कविता का प्राण है। इस युग के आरम्भ में आज तक गीति-काव्य लिखने की परम्परा देखने को मिलती है ।
7. प्रकृति चित्रण की प्रधानता
आधुनिक काल में प्रकृति-चित्रण की प्रवृत्ति विशेष रूप से दर्शनीय है। 1
8. शृंगारिक भावना का स्वरूप
आधुनिक हिन्दी कविता के प्रारम्भिक चरण में भारतेन्दु आदि ने रीतिकालीन परम्परा के आधार पर शृंगारिक कविता की रचना की।
9. सांस्कृतिक समन्वय की भावना
आधुनिक हिन्दी कविता में सांस्कृतिक समन्वय की भावना के भी दर्शन होते हैं।
10. आंग्ल-साहित्य का प्रभाव
आधुनिक हिन्दी कविता में अंग्रेजी भाषा के साहित्य का प्रभाव प्रचुर मात्रा में पड़ा।
11. लघुता के प्रति दृष्टिकोण
इस युग की कविता में साधारण-से- साधारण विषयों पर भी कविता लिखी गई ।
12. वैचित्र्य प्रदर्शन
आज की कविता में विविध प्रकार के प्रदर्शन की प्रवृत्ति विशेष रूप से परिलक्षित होती है।
13. खड़ी बोली में सर्वव्यापकता
आधुनिक युग की कविता में द्विवेदी युग से लेकर आज तक खड़ी बोली का प्रयोग देखने को मिलता है।
14. विविध शैलियों का प्रयोग
इस युग में विविध शैलियों का प्रयोग किया गया ।
15. अलंकारों और छन्द प्रयोग में नवीनता
आधुनिक कविता में जहाँ विचारों, भावों और विषय की दृष्टि से परिवर्तन दिखाई देता है वहाँ अलंकार तथा छदों के प्रयोग की दृष्टि से भी नवीनता के दर्शन होते हैं ।
16. बौद्धिकता की प्रधानता
आज का युग विज्ञान का युग है। वैज्ञानिक प्रभाव के कारण आधुनिक कविता में अनुभूति और रागात्मकता के स्थान पर बौद्धिकता आवश्यकता से अधिक है।
17. नवीनता के प्रति मोह
आधुनिक युग में कविता, कहानी, उपन्यास, आदि में भाव और शैली सभी दृष्टियों से नवीन प्रयोग हो रहे हैं। नाटक, निबन्ध
18. प्रतीकात्मकता
आधुनिक युग के साहित्य में प्रतीकात्मकता की विशिष्टता के भी दर्शन होते हैं। साहित्यकार प्रतीकों के सहारे बहुत बड़ी बात को भी संक्षेप में कहने में सफल हो जाता है।
19. स्वच्छन्दता
आधुनिक युग के छायावादी, प्रगतिवादी और प्रयोगवादी साहित्य में स्वच्छन्दता की प्रवृत्ति परिलक्षित होती है।
20. रूढ़ियों के प्रति विद्रोह तथा शोषितों का गान
आज के साहित्य में रूढ़िवादिता के प्रति साहित्यकारों में विद्रोह का भाव दिखाई देता है।
21. अहं की प्रधानता
आज की नई कविता, कहानी, नाटक और उपन्यास विधाओं में साहित्यकार अहम् की भावना से पीड़ित हैं।
22. मनोवैज्ञानिकता की प्रधानता
आधुनिक युग के गद्य साहित्य में मनोवैज्ञानिकता की प्रधानता दिखाई देती है।
23. परिस्थितियों के अनुरूप साहित्य
आधुनिक हिन्दी साहित्य की एक विशिष्ट विशेषता यह भी है कि यह परिवर्तित होती हुई परिस्थितियों के अनुरूप निर्मित होता रहा है।
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