दबाव एक सतह पर प्रति इकाई क्षेत्र में लगाया जाने वाला बल है। उदाहरण के लिए, जब आप दीवार को धक्का देते हैं, तो आप दबाव डाल रहे होते हैं। दबाव की इकाई पास्कल (Pa) है, जहाँ 1 पास्कल 1 वर्ग मीटर के क्षेत्र पर लगाए गए 1 न्यूटन बल के बराबर होता है। समुद्र तल पर औसत वायुमंडलीय दबाव लगभग 1 atm होता है।
वायुमंडलीय दाब किसे कहते हैं
वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की सतह पर वायुमंडल में हवा के भार द्वारा लगाया गया बल है। सरल शब्दों में, यह वह दबाव है जो आप अपने ऊपर की हवा के कारण महसूस करते हैं। जैसे-जैसे आप ऊँचाई पर जाते हैं, वायुमंडलीय दबाव कम होता जाता है क्योंकि आप पर नीचे की ओर दबाव डालने वाली हवा कम होती जाती है। जैसे कि पहाड़ पर, वायुमंडलीय दबाव कम होता जाता है क्योंकि ऊपर नीचे की तुलना में हवा कम होती है।
वायुमंडलीय दबाव को आमतौर पर बैरोमीटर से मापा जाता है। बैरोमीटर में कांच की नली में पारा भरा रहता हैं, जो वायुमंडल के भार में परिवर्तन के अनुसार ऊपर या नीचे होता है।
दबाव को एक क्षेत्र पर लगाए गए बल के रूप में मापा जाता है। उदाहरण के लिए, एक वर्ग सेंटीमीटर क्षेत्रफल वाले वायु स्तंभ का वजन लगभग 1.03 किलोग्राम होता है, जो लगभग 10.1 न्यूटन प्रति वर्ग सेंटीमीटर का दबाव बनाता है। इसी तरह, एक वर्ग इंच क्षेत्रफल वाले वायु स्तंभ का वजन लगभग 6.66 किलोग्राम होता है, जो 14.7 psi का दबाव है।
भारत में वायुमंडलीय दबाव ऊंचाई और भौगोलिक स्थिति के साथ बदलता रहता है। समुद्र के निकट स्थित शहर, जैसे मुंबई, चेन्नई, और कोलकाता में उच्च वायुमंडलीय दबाव होता हैं। इन स्थानों पर लगभग 1013 हेक्टोपास्कल दबाव होता है।
अधिक ऊंचाई पर स्थित शहर जैसे शिमला और लेह में वायुमंडलीय दबाव कम होता है। शिमला समुद्र तल से लगभग 2,200 मीटर ऊपर स्थित हैं। और यहाँ 800-850 hPa के आसपास वायुमंडलीय दबाव होता है। लद्दाख समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर ऊपर स्थित हैं। यहाँ दबाव 600-700 hPa के बीच होता है।
ऊंचाई बढ़ने के साथ वायुमंडलीय दबाव कम होता जाता है क्योंकि ऊपर हवा का दबाव कम होता है। इसके अलावा मौसम स्थानीय वायुमंडलीय दबाव को प्रभावित करती हैं, जो दिन-प्रतिदिन बदलता रहता है।