हम तीर्थयात्रा की हिंदू परंपरा के बारे में सुनते हैं, जिसका अर्थ है भगवान के करीब जाना या यात्रा करना। सबसे प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल कुंभ मेला है, जो भारत में गंगा नदी के किनारे प्रत्येक 14 साल के बाद होता है।
पृथ्वी पर लोगों का सबसे बड़ा जमावड़ा यही होता हैं जहा लोग पवित्र गंगा में खुद को शुद्ध करने के लिए आते हैं।
भारत में तीर्थयात्रा पर जाने के कई स्थान हैं। जहाँ विभिन्न देवी-देवताओं से जुड़ी नदियाँ, पहाड़ और मंदिर विध्यमान होती हैं। हिंदू अपने जीवनकाल में कम से कम एक तीर्थयात्रा करने की कोशिश करते हैं।
चारधाम के नाम
भारत की सांस्कृतिक को मजबूत करने हेतु आदि शंकराचार्य नें चारों दिशाओं में चार धामों की स्थापना की थी। उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूरब में जगन्नाथपुरी एवं पश्चिम में द्वारका। इन जगहों में लोग अपने तीर्थ यात्रा को पूरा करने जाते हैं। जिस प्रकार अन्य धर्मो में होलीलैंड होता है। उसी प्रकार हिन्दू धर्म में यह चार धाम हैं।
तीर्थ यात्रा क्या है
तीर्थयात्रा विशेष रूप से किसी पवित्र स्थान की यात्रा को तीर्थ यात्रा कहा जाता है। भारत एक विशाल और विविधता से भरा देश हैं। यहाँ हिन्दू धर्म और कई अन्य धामों का जन्म स्थान हैं। इसलिए भारत में कई पवित्र स्थान हैं। जहा लोग अपने ईस्टदेव का दर्शन करने जाते हैं।
भारत के प्रमुख तीर्थयात्रा वाले शहर निम्लिखित हैं -
- उज्जैन
- हिरद्वार
- मथुरा
- कांचीपुरम
- तिरुपति
- सबरीमाला
- लुंबानी
- बोधगया
- सारनाथ
- ल्हासा
- कैलाश
- नासिक
- बद्रीनाथ
- केदारनाथ
- काशी
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