प्रस्तुत एकांकी 'स्ट्राइक' आधुनिक जीवन की पृष्ठभूमि को एकांकीकार भुवनेश्वर प्रसाद ने इस एकांकी में आधुनिक जिंदगी जी रहे एक ऐसे मध्यमवर्गीय समाज का जीवन-चित्र प्रस्तुत किया है, जिसमें पति-पत्नी के परस्पर सम्बन्ध-स्थितियों की झलक दिखाई देती है। यहाँ पति-पत्नी की वे स्वाभाविक और आशातीत मधुर और आत्मीय सम्बन्ध नहीं है जो सर्वथा अपेक्षित होते हैं।
अपितु वहाँ तो पति-पत्नी के रिक्त कटु चुभते हुए सम्बन्धों और भावों का चित्रण है। यह एक प्रकार के ऐसे दाम्पत्य जीवन का चित्रण है जो सर्वथा तनावग्रस्त रहा करता है।
स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों को सुखमय बनाने के लिए प्रेम को एक बहुत बड़ा आधार माना है। इस प्रेम बेला से उसके जीवन के अनेक रंग-बिरंगे आकर्षक कामनाओं के प्रणय-सौरभ फैल जाते हैं, इस प्रकार यह सदैव स्वस्थ और रोचक जीवन तरु को बढ़ाने वाला होता है। यह भी सत्य है कि प्रेम स्त्री-पुरुष के बीच सनातन सम्बन्ध है जो कभी भी फीका और थका हुआ नहीं दिखाई देता है।
स्वाभाविक रूप से स्त्री-पुरुष में जहाँ परस्पर प्रेम व्यापार से सभी सम्बन्ध सुदृढ़ होते हैं वहाँ वह प्रेम-व्यापार बिल्कुल नहीं है। इस एकांकी में स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों की वह स्थिति दिखाई देती है।
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