मानव द्वारा किये जाने वाले उच्च स्तर के कार्य को इसके अंतर्गत रखा जाता है। इस व्यवसाय में निम्न सेवायें मुख्य होती हैं।
- उच्च शिक्षा
- मनोरंजन के साधन
- औद्योगिक, व्यावसायिक एवं प्रशासनिक प्रबंध
- उच्च प्रशासनिक सेवायें
- अनुसंधान कार्य
- सूचना तकनीक
चतुर्थक श्रेणी व्यवसाय के अन्तर्गत कुल जनसंख्या का अत्यंत अल्प भाग ही आता है। इस श्रेणी के व्यवसाय में लगे लोगों का प्रतिशत विकसित देशों में अधिक है।
मानवीय क्रियाकलापों में लगे लोग
किसी भी देश में वहाँ के निवासी सर्वप्रथम प्राथमिक व्यवसाय प्रारंभ करते हैं। फिर अधिक विकसित होने पर द्वितीयक व्यवसायों का विकास होता है। इस विकास के साथ जैसे-जैसे निर्माण उद्योग बढ़ता जाता है वैसे-वैसे वहाँ के लोग पशुपालन व कृषि आदि प्राथमिक व्यवसायों को छोड़कर उद्योगों की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
समाज में द्वितीयक व्यवसायों की प्रधानता हो जाती है। कृषि आदि प्राथमिक व्यवसायों में लगे लोगों की संख्या कम होती जाती है और अधिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास हो जाने पर निर्माण उद्योगों में कम श्रमिकों की आवश्यकता रह जाती है।
किन्तु इधर तृतीयक व्यवसायों में अधिकाधिक लोगों की आवश्यकता पड़ती है और इन व्यवसायों में अधिक लोग कार्यरत हो जाते हैं। इस परिणाम की पुष्टि निम्न सारणी से होती है।
चतुर्थक क्रिया कलापों में लगे लोगों की संख्या अत्यंत अल्प है। इस श्रेणी में लगे लोगों का प्रशित विकसित देश जैसे - संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाडा आदि देशों में अधिक है। सभी प्रकार के व्यवसायों का विकास चतुर्थक क्रियाकलाप पर निर्भर करता है।
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