ब्रज भाषा कहाँ बोली जाती है - braj bhasha kaha boli jati hai

ब्रज भाषा एक ऐसी भाषा है जो शौरसेनी प्राकृत से विकसित हुई है और इसे अक्सर हिंदी की पश्चिमी बोली माना जाता है। यह मुख्य रूप से उत्तर भारत में लगभग 575,000 लोगों द्वारा बोली जाती है, और इसके सबसे प्रामाणिक रूप मथुरा, आगरा, एटा और अलीगढ़ जैसे शहरों में बोले जाते हैं।

यह भाषा हिंदू धर्म के केंद्रीय देवता भगवान कृष्ण की पूजा के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। ब्रज भाषा के कई वक्ताओं के लिए, कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति भाषा पर एक बड़ा प्रभाव डालती है, खासकर लोक साहित्य और भक्ति गीतों के माध्यम से। जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान, कृष्ण के जीवन के प्रसंग अक्सर ब्रज भाषा में प्रस्तुत किए जाते हैं।

ब्रज भाषा ने एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा विकसित की है, खासकर प्रारंभिक मध्यकाल की भक्ति कविता और मध्यकाल की कामुक कविता के माध्यम से। इन साहित्यिक रूपों ने ब्रज भाषा की स्थिति को बढ़ाने में मदद की, जिससे यह हिंदी की सबसे व्यापक रूप से स्वीकृत बोली बन गई। ब्रजभाषा से जुड़े कुछ सबसे प्रसिद्ध कवियों में मीरा बाई, 16वीं शताब्दी की रहस्यवादी कवयित्री और कृष्ण की भक्त, और हरिश्चंद्र शामिल हैं, जिन्हें भाषा की साहित्यिक विरासत में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।

कुल मिलाकर, ब्रजभाषा ने न केवल धार्मिक अभिव्यक्ति के साधन के रूप में काम किया है, बल्कि भारत में कविता और सांस्कृतिक महत्व का एक बड़ा हिस्सा भी विकसित किया है।

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