मगधी एक प्राचीन भाषा है जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बोली जाती है। यह देवनागरी और कायथी दोनों लिपियों में लिखी जाती है। मगधी की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं और इसे प्राकृत मगही का पूर्वज माना जाता है, जिसने पूर्वी भारत के भाषाई विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। समय के साथ, मगधी अपनी साहित्यिक और लोक परंपराओं के साथ एक अलग भाषा के रूप में विकसित हुई है।
मगधी भाषा अपनी लोकगीतों और कहानियों की समृद्ध परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। जो क्षेत्र के सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाती हैं। मगधी भाषा को लगभग 20 करोड़ 7 लाख लोगों द्वारा बोली जाती हैं। इनमें से 1.2 करोड़ लोग मगही बोलते हैं, जबकि 80 लाख लोग खोरठा बोलते हैं, दोनों को मगधी भाषा की शाखाएँ माना जाता है।
ऐतिहासिक रूप से, मगधी मौर्य साम्राज्य के समय में व्यापक रूप से बोली जाती थी और माना जाता है कि यह बौद्ध धर्म और जैन धर्म के संस्थापक बुद्ध और महावीर की भाषा थी। यह ऐतिहासिक महत्व मगधी को प्राचीन भारतीय संस्कृति और दर्शन के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण भाषा बनाता है। कई प्रारंभिक बौद्ध धर्मग्रंथ और जैन ग्रंथ मगधी या निकट से संबंधित बोलियों में रचे गए थे।
अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद, मगधी को कुछ अन्य भारतीय भाषाओं के समान संस्थागत समर्थन नहीं मिला है। हालाँकि, साहित्य, लोक परंपराओं और डिजिटल मीडिया के माध्यम से भाषा को संरक्षित और बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।