उड़िया एक इंडो-आर्यन भाषा है जो मुख्य रूप से ओडिशा राज्य में बोली जाती है। यह भारत की छह शास्त्रीय भाषाओं में से एक है, जिसकी साहित्यिक परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। ओडिया भाषा का इतिहास 10वीं शताब्दी से पता चलता है।
उड़िया भाषा की लिपि क्या है
ओड़िया भाषा की लिपि ओड़िया है। यह ब्राह्मी लिपि से विकसित हुयी हैं। सबसे शुरुआती ज्ञात ग्रंथों में मदाला पंजी शामिल है, जो पुरी में जगन्नाथ मंदिर के इतिहास को दर्ज करता है। मध्यकालीन काल के दौरान भाषा में महत्वपूर्ण विकास हुआ, विशेष रूप से गजपति राजाओं के शासन के दौरान, जब सरला दास जैसे कवियों ने महाभारत की रचना ओडिया में किया। बाद में, भक्ति आंदोलन के दौरान, जगन्नाथ दास, बलराम दास और अच्युतानंद जैसे संत-कवियों ने ओडिया साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं।
आधुनिक ओडिया साहित्य 19वीं और 20वीं शताब्दी में फलने-फूलने लगा, जिसमें फकीर मोहन सेनापति जैसे लेखक शामिल थे, जिन्हें आधुनिक ओडिया कथा साहित्य का जनक माना जाता है। जिसमें ग्रामीण ओडिशा की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को दर्शाया गया था। गोपबंधु दास, कालिंदी चरण पाणिग्रही और सीताकांत महापात्रा जैसे अन्य लेखकों ने अपनी कविता, गद्य और निबंधों से ओडिया साहित्य को समृद्ध किया हैं।
ओडिया ओडिशा की आधिकारिक भाषा है और इसे 40 मिलियन से अधिक लोग बोलते हैं। यह पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बोली जाती है। इस भाषा की कई बोलियाँ हैं, जिनमें संबलपुरी, गंजमी और बालेश्वरी शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की अलग-अलग भाषाई विशेषताएँ हैं।
ओडिया संस्कृति का प्रभाव इसके शास्त्रीय नृत्य ओडिसी में स्पष्ट देखा जा सकता है, जो भारत की सबसे पुरानी और सबसे सुंदर नृत्य परंपराओं में से एक है। राज्य अपनी समृद्ध लोक परंपराओं के लिए भी जाना जाता है, जिसमें पाला, दस्कथिया और जात्रा शामिल हैं।