अनुस्मारक को अंग्रेजी भाषा में 'रिमाइन्डर' कहा जाता है । इसका प्रयोग स्मरण कराने के लिए - या याद दिलाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी भूलवश या अन्य किसी कारण से अधीनस्थ कार्यालयों के द्वारा उच्च कार्यालय के पत्र पर कार्यवाही नहीं की जाती है।
तब कार्यवाही के लिए उच्च कार्यालय द्वारा पुनः अधीनस्थ कार्यालय को स्मरण कराने के लिए पत्र लिखा जाता है, इसे ही अनुस्मारक कहते हैं। इसका स्वरूप मूल पत्र के अनुसार ही होता है अर्थात् यदि मूल पत्र का स्वरूप कार्यालय ज्ञापन का था तो अनुस्मारक का स्वरूप भी कार्यालय ज्ञापन का ही होगा।
विशेषताएँ
- अनुस्मारक किसी विभाग द्वारा संबंधित विभाग को लिखे गये पुराने पत्र की तरह ही होता है।
- इसमें प्रथम पत्र की भाषा का दुहराव ही होता है।
- अनुस्मारक में पिछले पत्र के उत्तर प्राप्त न होने के लिए खेद प्रकट किया जाता है।
- इसमें यह भी लिखा होता है कि उत्तर के अभाव में काम की गति अवरुद्ध हो गयी है।
- अनुस्मारक की भाषा विषय तथा समयानुकूल थोड़ी कठोर भी हो सकती है।
- इसमें प्रत्येक स्थिति का स्पष्ट खुलासा करने के लिए कहा जाता है।
- इसका आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है।
- अनुस्मारक के उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में पुन: अनुस्मारक भेजा जाता है।