अपराधियों के जेल या बन्दीगृह से छूटने के बाद उनकी देखरेख करना अति आवश्यक होता है, क्योंकि बन्दीगृह से मुक्त होने के पश्चात् जब वे समाज में आते हैं तो एकाएक पुनः सामंजस्य तथा अनुकूलन नहीं कर पाते और समाज के लोग उन्हें उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं।
ऐसी स्थिति में अपराधी कभी-कभी पुनः अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं। अतएव इसके लिए समाज में समाज कल्याण संस्थाओं को इनके संरक्षण का कार्य करना चाहिए। अन्य देशों की भाँति भारत में भी इस प्रकार की संस्थाओं तथा समितियों की स्थापना हुई है जो उत्तर संरक्षण सेवाओं का कार्य करती हैं
उत्तर संरक्षण कार्यक्रम क्या है
उत्तर प्रदेश, मुम्बई, पंजाब, बंगाल, दिल्ली और चेन्नई में इस प्रकार की संस्थाएँ हैं। इनमें से अत्यधिक क्रियाशील चेन्नई की बन्दी सहायता सोसाइटी है। वर्तमान समय में उपरान्त संरक्षण सेवाओं के लिए केन्द्रीय समाज कल्याण मण्डल भी प्रयत्नशील है।
सन् 1955 ई. में समाज कल्याण मण्डल द्वारा एक 'उपरान्त संरक्षण परामर्शदाता समिति' का गठन किया है। यह समिति उपरान्त संरक्षण सेवा कार्य की देखभाल करती है तथा नवीन सुझावों और सेवाओं के बारे में बोर्ड को परामर्श देती है। आज इस समिति के माध्यम से समाज कल्याण मण्डल द्वारा अपराध निरोध की दिशा में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की असफलता के कारण
1. सरकारी नीति के सैद्धान्तिक और व्यावहारिक पक्ष में तालमेल का अभाव है। उत्तर संरक्षण कार्यक्रम को सरकारी आंकड़ों में काफी बढ़ा चढ़कार दर्शाया गया है जबकि वास्तविकता इससे परे है।
2. अपराधियों के प्रति समाज का परम्परात्मक दृष्टिकोण उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की असफलता का एक अन्य कारण है। समाज यह मानकर चलता है कि जिसने एक बार अपराध किया है वह पुनः अपराध की ओर प्रवृत्त होगा। इस प्रकार की मान्यता कई बार अपराधी के सुधरने में बाधक बन जाती है।
3. उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की असफलता का एक कारण कर्मचारियों में उदासीनता का भाव है, उनमें अपने दायित्वों के प्रति निष्ठा का अभाव है। इसके अलावा कार्यक्रम में लगे हुए कर्मचारियों में प्रशिक्षण सम्बन्धी भी कमी है।
4. इस कार्यक्रम की असफलता का एक अन्य कारण यह है कि अपराधियों को भोजन और वस्त्र तो उपलब्ध करा दिया जाता है। परन्तु समुचित व्यावसायिक प्रशिक्षण नहीं दिया जाता, इससे उनके पुनर्वास में कठिनाई आती है।
5. प्रत्येक स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार भी उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की असफलता का एक प्रमुख कारण है। इस कार्यक्रम में लगी स्वयंसेवी संस्थाएं व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ति में अधिक रुचि लेती हैं।
6. उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की असफलता का एक कारण यह है कि वहां अपराधियों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जाता, उन्हें शिक्षा नहीं दी जाती है। उनके आत्मिक विकास का प्रयत्न नहीं किया जाता। नैतिक दृष्टि से प्रगति करने की उन्हें प्रेरणा नहीं दी जाती।
कई बार आश्रय गृहों में स्थानों की कमी तथा आवश्यक सुविधाओं का अभाव भी कार्यक्रम की असफलता का कारण बन जाता है।