पाचन तंत्र क्या है?

वे अंग जो भोजन को पचाने में सहायक होते हैं, जैसे लार ग्रंथियां, यकृत, पित्ताशय की थैली और अग्न्याशय आदि। यह पाचन रस और एंजाइम बनाते हैं। और शरीर में भोजन और तरल पदार्थ को पचाने में मदद करते हैं। पाचन तंत्र कहलाते हैं। 

यह सभी भोजन को पचाकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। जिसका शरीर उपयोग नहीं कर सकता उसे मल और मूत्र के माध्यम से बहार निकाल देता हैं।

पाचन तंत्र क्या है

पाचन तंत्र कई अंगों से मिलकर बना होता है। जो भोज्य पदार्थ को ऊर्जा में परिवर्तिति करता हैं। मुंह से शुरू होने वाली नली ग्रासनली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत और गुदा से होकर जाती है।

पाचन तंत्र क्या है - digestive system in hindi

पाचन तंत्र भोजन से कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों में तोड़ती है। फिर उन्हें रक्तप्रवाह में अवशोषित किया जाता है। ताकि शरीर को ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त हो सके। जिससे शरीर की मरम्म्मत और विकास होता हैं।

पाचन तंत्र कैसे काम करता है

पाचन तंत्र के प्रत्येक अंग की पाचन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चलिए जानते हैं कौन से अंग क्या क्या कार्य करते हैं।

मुँह (mouth) - जब कोई खाना खाता है। तो दांत भोजन को बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में चबाता हैं। गाल और जीभ की ग्रंथियां लार का उत्पादन करती हैं। जिससे भोजन को चबाना और निगलना आसान हो जाता है। लार में एंजाइम भी होते हैं जो भोजन में कार्बोहाइड्रेट को पचाने लगते हैं।

अन्नप्रणाली (esophagus) - इसे आहारनली भी कहा जाता हैं। अन्नप्रणाली एक नली होता है जो निगलने के बाद भोजन को मुंह से पेट तक ले जाती है। आहारनली के अंत में एक विशेष प्रकार की मांसपेशिया होती है। जो भोजन को पेट से आहारनली में वापस जाने से रोकती है।

पेट (abdomen) - पेट की दीवार गैस्ट्रिक जूस पैदा करती है। जो भोजन को पचाने में सहायक होते है। पेट एक मिक्सर की तरह काम करता है।

छोटी आंत (small intestine) - यह पाचन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। यहाँ पर भोजन से सभी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसका व्यास लगभग 3.5 सेमी तक होता है। प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट का अधिकांश रासायनिक पाचन छोटी आंत में पूरा होता है।

बड़ी आंत (large intestine) - बड़ी आंत पानी, खनिज लवण और विटामिन को अवशोषित करती है। यह लगभग 5 फिट लंबी होती हैं। और छोटी आंत के साथ लिपटी होती हैं। छोटी आत से बचा हुआ भोजन बड़ी आंत में आती हैं। यहाँ से बचा पदार्थ अपशिष्ट के रूप में बहार निकल जाता हैं।

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