मौखिक भाषा किसे कहते हैं - maukhik bhasa ki prakriti

संस्कृत शब्द भाष से भाषा शब्द का विकास हुआ है। भाषा का प्रयोग हम तभी करते हैं, जब हमें भावों एवं विचारों को अभिव्यक्त करनी होती हैं। भाषा संचार की उस प्रणाली को संदर्भित करती है जिसका उपयोग मनुष्य द्वारा शब्दों, ध्वनियों और इशारों के माध्यम से विचारों को व्यक्त किया जाता है।

मौखिक भाषा किसे कहते हैं

मौखिक भाषा मानव संचार के उस रूप को कहा जाता है जिसमें व्यक्तियों के बीच विचारों, भावनाओं और सूचनाओं को व्यक्त करने के लिए बोले गए शब्दों या ध्वनियों का उपयोग होता है।

भाषा मनुष्यों द्वारा उपयोग किया जाने वाली एक संचार का साधन है और इसकी अलग अलग विशेषताएँ एवं नियम होते है, जो वक्ताओं को अपने विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने की अनुमति देती है। मौखिक भाषा में बातचीत करना, भाषण देना, कहानी सुनाना और गीत गाना शामिल होते है। यह संस्कृति और भौगोलिक रूप से भिन्न हो सकते है।

डॉ. बाबूराम सक्सेना द्वारा भाषा को इस प्रकार परिभाषित किया गया है - भाषा वह है जो बोली जाती है जो विशिष्ट समुदाय में बोली जाती है, जो मनुष्य और उसके समाज के भीतर की ऐसी कड़ी है जो निरन्तर आगे जुड़ती रहती है।

भाषा की मौखिक, लिखित और सांकेतिक सहित कई अलग-अलग रूप होते है। भाषा मानव संस्कृति और समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है जो हमें दूसरों के साथ अपने विचार को साझा करने की सक्षमप्रदान करता है।

दुनिया भर में कई अलग-अलग भाषाएँ हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने नियम हैं। सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली कुछ भाषाओं में अंग्रेजी, मैंडरिन, स्पेनिश, अरबी, हिंदी और फ्रेंच शामिल हैं।

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