Showing posts with the label Hindi Grammar

भारत भारती कविता की व्याख्या - मैथिलीशरण गुप्त

भारत भारती मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित एक प्रसिद्ध काव्य है, जिसमें भारत के गौरवशाली अतीत, दयनीय वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य का चित्रण किया गया है। यह कविता भारतीय समाज में जागरूकता लाने और देश…

वर दे वीणावादिनी वर दे कविता - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

वर दे, वीणावादिनी वर दे। भारत में भर दे! काट अन्ध उर के बन्धन स्तर  बहा जननि, ज्योतिर्मय निरक्षर  कलुष-भेद, तम हर प्रकाश भर  जगमग जग कर दे! प्रिय स्वतन्त्र - रव अमृत मन्त्र नव सन्दर्भ: प्रस्तुत पद्य…

पर्यायवाची शब्द किसे कहते है - paryayvachi shabd in hindi

वे शब्द होते है जिसका अर्थ सामान या एक जैसे होते है। उदहारण : सूर्य के लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द सूर्य, दिनकर, भानु, सूरज आदि है। अर्थात किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों क…

चोरी और प्रायश्चित निबंध से हमें क्या सीख मिलती है

चोरी और प्रायश्चित' शीर्षक निबंध गाँधी जी द्वारा लिखित वह महत्वपूर्ण अनुभव का सार हैं जीवन में घटित घटनाओं का भले ही लघु रूप है किन्तु इन घटनाओं ने उनके भविष्य की दिशा को भी प्रशस्त किया है। '…

सखि वसंत आया कविता की व्याख्या - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

सखी, वसंत आया भरा हर्ष वन के मन,  नवोत्कर्ष छाया। किसलय-वसना नव-लय लतिका मिली मधुर प्रिय-उत्तर तरु-पतिका मधुप - वृन्द बन्दी पिक स्वर नभ सर आया।  संदर्भ - प्रस्तुत पद्यावतरण महाकवि पं. सूर्यकान्त त्रि…

हिन्दी के सुमनों के प्रति पत्र कविता - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

मैं जीर्ण-साज बहु छिद्र आज,  मैं हूँ केवल पदतल-आसन,  तुम सहज विराजे महाराज।  ईर्ष्या कुछ नहीं, मुझे, यद्यपि,  मैं ही बसंत का अग्रदूत,  ब्राह्मण समाज में ज्यों अछूत मैं रहा आज यदि पार्श्वच्छवि।  तुम स…