अपराधियों के जेल या बन्दीगृह से छूटने के बाद उनकी देखरेख करना अति आवश्यक होता है, क्योंकि बन्दीगृह से मुक्त होने के पश्चात् जब वे समाज में आते हैं तो एकाएक पुनः सामंजस्य तथा अनुकूलन नहीं कर पाते और स…
प्राचीन भारतीय संस्कृति में सामाजिक व्यवस्थाओं का निर्माण व्यक्ति के जीवन में सर्वांगीण विकास के लिये हुआ। आश्रम की व्यवस्था का भी यही उद्देश्य माना जा सकता है। आर्यजन कर्मण्यतावादी थे और कर्म करते ह…
सामाजिक समूह कुछ हद तक सामाजिक एकता प्रदर्शित करते है और एक साधारण व्यक्तियों के समूह से अधिक होता है। जैसे कि बस स्टॉप पर प्रतीक्षा करने वाले लोग इसके अछे उदाहरण हैं। एक समूह के सदस्यों द्वार…
एक समाज लगातार सामाजिक संपर्क में शामिल व्यक्तियों का एक समूह है, या एक ही सामाजिक क्षेत्र को साझा करने वाला एक बड़ा सामाजिक समूह है, जो आमतौर पर एक ही राजनीतिक अधिकार और प्रमुख सांस्कृतिक के अधीन है…
एक समाज लगातार सामाजिक संपर्क में शामिल व्यक्तियों का एक समूह है। जो आमतौर पर एक ही राजनीतिक अधिकार और प्रमुख सांस्कृतिक अपेक्षाओं के अधीन है। समाज कुछ कार्यों या अवधारणाओं को स्वीकार्य या अस्वीकार्य…
सामुदायिक विकास अक्सर सामुदायिक कार्य या सामुदायिक नियोजन से जुड़ा होता है, और इसमें स्थानीय, क्षेत्रीय और सामाजिक कल्याण की प्रगति के लिए गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों या सरकारी एजेंसियों सहित…
भारत में अब तक किये गये क्षेत्रीय अध्ययन विभिन्न विषयों पर केन्द्रित रहे हैं। प्रारम्भिक अध्ययन अर्थशास्त्रियों द्वारा किये गये थे। उनका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था, भू-स्वामित्व, आदिम साम्यव…
भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति सदैव परिवर्तनशील रही है। स्त्रियों की स्थिति में जितना उतार-चढ़ाव भारत में देखने को मिलता है। उतना अन्यत्र किसी देश में नहीं। सैद्धान्तिक दृष्टि से स्त्री को सुख व …
अल्पसंख्यक समुदायों की समस्याएँ अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्धित प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं - 1. भाषा से सम्बन्धित समस्याएँ - भारतवर्ष में अंग्रेजों के शासक के रूप में प्रवेश करने के साथ-साथ इस दे…
भारत में ग्रामीण अध्ययनों का श्रेय सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. श्यामाचरण दुबे को दिया जाता है। इनकी पुस्तक 'एक भारतीय ग्राम' एक अमरकृति मानी जाती है। यह कृति हैदराबाद और सिकन्दराबाद के जुड़व…
गाँव शब्द सुनने में जितना सरल है। उसे सही अर्थ में परिभाषित करना उतना ही कठिन है। आज जबकि गाँव और शहर का पारस्परिक सम्बन्ध दिन-प्रतिदिन घनिष्ठ होता जा रहा है। गाँव क्या है ?' इसका उत्तर और भी कठि…
हिन्दू समाज में करीब चार हजार वर्ष पूर्व ही कुछ समाज चिन्तकों ने यह अनुभव किया कि व्यक्ति और समाज की प्रगति उस समय तक सम्भव नहीं है जब तक लोगों को जीवन के मूलभूत तथ्यों से परिचित नहीं कराया जाता। जब …
नगर के विकास का इतिहास मानवीय संसाधनों के विकास के साथ सम्बद्ध रहा है। मानव उद्विकास के क्रम में मनुष्य को विभिन्न अवस्थाओं से होकर सभ्यता के वर्तमान स्तर तक पहुँचा दिया है। इसी क्रम में आखेट अवस्था,…