राजस्व किसे कहते हैं राजस्व' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- राजन् + स्व। जिसका शाब्दिक अर्थ है। ‘राजा का धन। राजनैतिक दृष्टि से राजा को समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला मुखिया माना जाता है, अतः रा…
राजस्व (लोकवित्त) में हम सरकार की आय-व्यय का अध्ययन करते हैं, जबकि निजी वित्त में व्यक्ति के आय-व्यय का अध्ययन किया जाता है। सार्वजनिक वित्त एवं निजी वित्त व्यवस्थाओं की कुछ समानताएँ हैं, वहीं बड़ी मा…
राजस्व का महत्व क्या है राजस्व के महत्व का अध्ययन निम्न बिन्दुओं के रूप में किया जा सकता है - 1. राज्य के कार्यों में वृद्धि - वर्तमान समय में राज्य के कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वह अब आंत…
भारतीय कर प्रणाली में निम्नांकित दोष पाये जाते हैं - 1. न्यायशीलता का अभाव - भारतीय कर प्रणाली न्यायोचित नहीं है। क्योंकि अप्रत्यक्ष करों की अधिकता के कारण धनी वर्ग की अपेक्षा निर्धन वर्ग पर कर का भ…
भारतीय कर प्रणाली में निम्नांकित गुण हैं - 1. समानता - भारत में लगाये गये प्रत्यक्ष कर जैसे - आयकर, मृत्यु कर, सम्पत्ति कर आदि प्रगतिशील होने के कारण समानता पर आधारित हैं। 2. विविधता - भारतीय कर प्…
एक अच्छी कर प्रणाली की विशेषताएँ एक अच्छी कर प्रणाली में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए- 1. करारोपण के सिद्धान्तों के अनुरूप होनी चाहिए - प्रो. एडम स्मिथ ने करारोपण के चार सिद्धान्त बताए हैं। सम…
करारोपण के सिद्धांत बताइए प्रो. एडम स्मिथ ने करों का वैज्ञानिक अध्ययन किया और करारोपण के चार सिद्धान्त प्रस्तुत किए जो आज भी कर नीति के आधार-स्तम्भ हैं। इन सिद्धान्तों की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात…
करारोपण के उद्देश्य करारोपण के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं - 1. आय प्राप्त करना - कर आय प्राप्त करने के उद्देश्य से लगाये जाते हैं। यद्यपि प्राचीनकाल में करारोपण का उद्देश्य केवल धन को एकत्रित कर…
लगान किसे कहते हैं सामान्य बोलचाल की भाषा में लगान का आशय उस भुगतान से लगाया जाता है। जो कि भूमि, दुकान, घर इत्यादि के उपयोग के लिए इसके स्वामी को दिया जाता है। अर्थशास्त्र में 'लगान' शब्द का…
भेदात्मक लगान तथा दुर्लभता लगान में अन्तर भेदात्मक लगान सीमितता ( दुर्लभता ) लगान भेदात्मक लगान भूमि की उर्वराशक्ति में भिन्नता के कारण उत्पन्न होता है। दुर्लभता लगान उत्पन्न होने का कारण साधनों की…
आर्थिक लगान एवं ठेका लगान में अन्तर आर्थिक लगान ठेका लगान आर्थिक लगान का निर्धारण अधि-सीमांत भूमि व सीमांत भूमि के उपज के अन्तर द्वारा होता है। ठेका लगान का निर्धार…
आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने लगान की व्याख्या रिकार्डो के समान एक बचत के रूप में की है। रिकार्डो ने अधिसीमांत एवं सीमांत भूमि के उपज के अन्तर को लगान कहा है। लेकिन आधुनिक अर्थशास्त्री लगान को साधन के अव…
रिकार्डो के लगान सिद्धांत और आधुनिक लगान सिद्धांत में अन्तर रिकार्डों के लगान सिद्धांत और आधुनिक लगान सिद्धांत में मुख्य अन्तर निम्नांकित हैं - रिकार्डों के लगान सिद्धांत आधुनिक लग…
आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के फलस्वरूप पूँजी बाजार में जनता की रुचि में वृद्धि हुई है। अतः पूँजी बाजार में निवेशकों का संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 12 अप्रैल, 1988 में एक गैर-सांविधिक संस्था…
भारत में कीमत वृद्धि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं 1. जनसंख्या में वृद्धि - सन् 1951 में देश की जनसंख्या 36 1 करोड़ थी, जो बढ़कर सन् 2011 तक लगभग 121 करोड़ पहुँच चुकी है। जनसंख्या वृद्धि के अनुरूप व…
भारतीय अर्थव्यवस्था में कीमत वृद्धि का निम्नांकित प्रभाव पड़ा है - 1. बचत एवं पूँजी - निर्माण की दरों में कमी-तीव्र गति से मूल्य वृद्धि होने के कारण जन-साधारण की बचत करने की क्षमता कम हो जाती है। पर…
भारत में बैंकिंग व्यवसाय के चहुँमुखी विकास के लिए सर्वप्रथम वारेन हेस्टिंग्स ने जोर देते हुए जनरल बैंक ऑफ बंगाल एण्ड बिहार को भारत का केन्द्रीय बैंक बनाने का सुझाव दिया था। इस सुझाव का उद्देश्य था कि…
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्य रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्यों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है- केन्द्रीय बैंकिंग संबंधी कार्य, साधारण बैंकिंग संबंधी कार्य, विकास सम्बन्धी कार्य। केन्द्रीय बैंक…
रिजर्व बैंक द्वारा साख का नियंत्रण साख नियंत्रण का अर्थ, बैंकों के ऋण देने की नीति को नियंत्रित करना है। मूल्य स्थिरता के साथ आर्थिक विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए रिजर्व बैंक साख नियंत्रण की निम्…
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की प्रमुख सफलताएँ निम्नांकित हैं - 1. नोट निर्गमन में सफलता - रिजर्व बैंक को नोट निर्गमन के एकाधिकार में सफलता मिली। उसने सन् 1935 से 1956 तक आनुपातिक कोष प्रणाली द्वार…