आज के युग में विज्ञापनों का अत्यधिक महत्व है। जूते-चप्पल से लेकर टाई रूमाल तक विज्ञापित हो रही है। लिपिस्टिक, पावडर, नेल पॉलिश, माथे की बिंदी विज्ञापनों का विषय है। नमक जैसी आम इस्तेमाल की वस्तुएँ भी…
प्रौद्योगिकी विकास के कारण आज हम घर बैठे ही अपने देश की ही नहीं वरन् विश्व के किसी भी कोने तक अपना संदेश भेज सकते हैं। तथा वहाँ से संदेश भी प्राप्त कर सकते हैं। हाल के कुछ वर्षों में संचार प्रौद्योगि…
मानव ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नये-नये आविष्कार किये हैं। जनसंचार या समाचार संप्रेषण हेतु भी उसने अनेक संचार साधनों एवं उपकरणों का निर्माण किया है, जिसे सामान्यत: मीडिया कहा जाता है। टी. वी…
सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी पत्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए। शासकीय पत्र लेखन की एक विशिष्ट और निर्धारित शैली है, जिसका हमेशा ध्यान रखा जाता है। इसके निम्नलिखित प्रमुख अंग हैं सरनामा, पत्र संख्या, पत्र- प्र…
कार्यालयीन हिन्दी के स्वरूप और विकास को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए कार्यालयों में कार्यप्रणाली की एक निश्चित प्रक्रिया एवं भाषा होती है। कार्यालयों में किसी पत्र को भेजने के पहले उस पत्र की विषय-वस्तु के …
लक्ष्य भाषा और स्रोत भाषा में क्या अंतर है अनुवाद का शाब्दिक अर्थ होता है - किसी के कहने के बाद कहना। किसी कथन का अनुवर्ती कथन, पुन: कथन अथवा पुनरुक्ति अनुवाद कहलाता है। एक भाषा में कही हुई बात को दू…
संस्कृत में अनुवाद का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराने के लिए किया जाता था। संस्कृत के वद् धातु से अनुवाद शब्द का निर्माण हुआ है। अनु और वाद के मिलने से 'अनुवाद' शब्द बना है, …
किसी पत्र की प्रतिलिपि या मूल-पत्र को जब किसी अन्य अधिकारी के पास आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा जाता है, तब उस प्रतिलिपि या मूल-पत्र के नीचे पृष्ठांकन का प्रयोग किया जाता है। पत्राचार की यह लघुतम प्रणाल…
व्याकरण उस विधा अथवा शास्त्र का नाम है जिसके द्वारा हम किसी भाषा के शुद्ध बोलने, लिखने तथा पढ़ने का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। देवेन्द्र नाथ शर्मा ने व्याकरणिक कोटियों को परिभाषित करते हुए लिखा है क…
संक्षिप्ति वस्तुतः मनुष्य की निरन्तर सहजता की ओर जाने की प्रकृति का परिचायक है। संक्षिप्ति का अर्थ शब्दों के संक्षिप्त रूप से है। ये शब्दों के वे संकेत या चिन्ह है जो बाद में शब्दों की तरह प्रयुक्त ह…
ज्ञापन का प्रयोग किसी बात को या तो आदेश के रूप में या आवेदन के रूप में ज्ञापित करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कार्यालयों या मंत्रालयों के मध्य पत्राचार के लिए या कर्मचारियों को कोई सूचना अथवा …
पोखर ऐसे जल-भरे गड्ढे को कहते हैं जो झील से छोटा हो, हालाँकि झील और तालाब के आकारों में अंतर बताने के लिये कोई औपचारिक मापदंड नहीं है। इनका मोटा-मोटा नाप लगभग 2 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर तक का हो…