सुमित्रानंदन पंत प्रकृति के सुकुमार कवि हैं स्पष्ट कीजिए

कविता में कवि की हर्ष-विषादमयी अनुभूतियों को रसात्मक रूप प्रदान किया जाता है। सृष्टि की इस विकासात्मक प्रवृत्ति में मानव और प्रकृति का सम्बन्ध चिरन्तन है। प्रकृति आदिकाल से ही काव्य को रह गया …

माखनलाल चतुर्वेदी की काव्यगत विशेषताएं लिखिए

छायावाद की पृष्ठभूमि बड़ी व्यापक, सुदृढ़ और प्रभावशाली है। इसमें जिन रचनाकारों ने योगदान दिए उनमें कविवर माखनलाल चतुर्वेदी का स्थान अत्यन्त सम्माननीय और उल्लेखनीय स्वीकृत हुआ है।  यह इसलिए…

राजे ने अपनी रखवाली की व्याख्या - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

जनता पर जादू चला राजे के समाज का  लोक नारियों के लिए रानियाँ आदर्श हुईं  धर्म का बढ़ावा रहा धोखे से भरा हुआ  लोहा बजा धर्म पर, सभ्यता के नाम पर  खून की नदियाँ बहीं आँख-कान मूँदकर जनता ने डु…

युवकों का समाज में स्थान शीर्षक निबंध का सारांश एवं उद्देश्य लिखिये

आधूनक विद्वानों एवं बुद्धिजीवियों में आचार्य नरेन्द्र देव का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में आचार्य और कुलपति जैसे सम्मानजनक पदों को वे सुशोभित करते रहे हैं। …

तृतीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं

तृतीयक व्यवसाय के अंतर्गत वे सभी सेवाएँ आती हैं जो प्राथमिक एवं द्वितीयक व्यवसाय में लगे लोगों को व्यक्तिगत रूप से दी जाती हैं।  इस व्यवसाय में सम्मिलित मुख्य सेवाएँ अग्रलिखित हैं - उपर्युक…

संभावी संसाधन क्या है - sambhavi sansadhan

संसाधन जिसका उपयोग मनुष्यो द्वारा किया जाता हैं । वह सभी संसाधन कहलाते हैं। जैसे जल मिट्टी हवा आदि। संभावी संसाधन क्या है वे संसाधन जो किसी विशेष क्षेत्र में उपलब्ध हैं और भविष्य में उपयोग …

डेविड-ईस्टन के राजनीतिक व्यवस्था - david easton ki rajnitik vyavastha

तुलनात्मक राजनीति के आधुनिक उपागम परम्परावादी उपागमों की अपेक्षा अधिक वैज्ञानिक एवं क्रमबद्ध हैं। आधुनिक उपागमों के प्रयोग से तुलनात्मक राजनीति के विषय-क्षेत्र को क्रमबद्ध एवं परिप्रेक्ष्य मे…

प्रगतिवाद क्या है - प्रगतिवाद और प्रयोगवाद में अंतर

प्रगतिवाद क्या है  प्रगति की अंग्रेजी के प्रोग्रेस से उत्पत्ति मानी जाती है, जिसका अर्थ होता है आगे बढ़ना हैं, किन्तु साहित्य में वाद के साथ जुड़कर यह प्रगतिवाद शब्द बन गया है।  प्रगतिवाद…

मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रीय कवि क्यों कहा जाता है

द्विवेदीयुगीन कविता की अमर विभूतियों में श्री मैथिलीशरण गुप्त की गणना की जाती है। उन्होंने प्राचीन परम्पराओं की रूढ़ियों को त्यागकर युग के अनुरूप नवीन विचार एवं भाव ग्रहण किये।  'साकेत' के द्व…

मैथिलीशरण गुप्त की काव्यगत विशेषता बताइए

भारतीय संस्कृति की तात्विक विशेषताओं को अपने प्रबन्ध काव्यों के माध्यम से व्याख्यायित करने और अपनी रचनाओं के द्वारा राष्ट्र भक्ति का आह्वान करने के कारण मैथिलीशरण गुप्त 'राष्ट्र कवि ' के रूप …

निराला के काव्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए

निराला जी 'यथा नाम तथा गुण' के सबल प्रमाण थे। उन्हें उनके निराले व्यक्तित्व के कारण सरलता से पहचाना जा सकता था। जिस ओर भी उनकी लेखनी चली, उधर ही से विजयी होकर लौटी।  उन्होंने अपने निराले व्यक…

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के काव्य में प्रगतिवाद की समीक्षा कीजिए

बिराला जी के काव्य में पर्याप्त विविधता दिखाई देती है। इसके लिए हम निम्न उदाहरण दे सकते हैं। मानव का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध है । उसको जीवन की समग्र प्रेरणाएँ प्रकृति से ही प्राप्त होती हैं इतना ही न…

श्रीकांत वर्मा के काव्य की प्रमुख विशेषताएं

श्रीकान्त वर्मा ऐसे कवि हैं जिन्हें युग की विडम्बनाओं, विकृतियों और विसंगतियों का गहरा अहसास है पर उनमें भावावेश, आक्रोश और उत्तेजना उस मात्रा में नहीं है जो इस काल के अन्य कवियों में लक्षित ह…